बच्चों को जन्म देने वाले जानवरों को भी कोरोना का खतरा

लुधियाना, 18 मार्च (पुनीत बावा) : जहां कोरोना वायरस (कोविड-19) ने मानवीय जानों को खतरे में डाला हुआ है, जो जानवर बच्चों को जन्म देते हैं, उनको भी मनुष्य से कोरोना वायरस होने का खतरा है। जबकि अंडे देने वाले इस वायरस से सुरक्षित हैं। प्राप्त जानकारी के अनुसार भारत में 19.24 करोड़ गाय, 10.98 करोड़ भैंसें, 14.8 करोड़ बकरियां, 7.5 करोड़ भेड़ें, 85 करोड़ पोल्टरी, 3.40 लाख घोड़े, 1.20 लाख गधे, 80 हज़ार खच्चर, 2.5 लाख ऊंट, 90 लाख सूअर है। जबकि पंजाब में 25 लाख गाय, 51.5 लाख भैंसें, 3.25 लाख बकरियां, 1.25 लाख भेडें, 1.68 करोड़ पोल्टरी (मुर्गी, मुर्गियां, बटेर, टरकी, कबूतर), 33 हज़ार गधे, 5 हज़ार खच्चर, 7 हज़ार ऊंट, 32 हज़ार सूअर है। देश में कुत्तों की संख्या लगभग 35 मिलियन और पंजाब में लगभग 2 लाख होने का अनुमान है। विश्व में किनायल कोरोना और पशुओं में कोरोना वायरस की बीमारी पहले से ही है परंतु जो नोवलकोरोना वायरस कोविड-19 आया है। यह कोरोना वायरस का भी एक रूप है। कोविड-19 वायरस जानवर से मनुष्य में आया और उसने अपना रूप बदल लिया है। विशेषज्ञों के अनुसार पिछले महीने हांगकांग में एक ऐसा मामला सामने आया है कि एक पेमेरियन कुत्ते में कोविड-19 के टैस्ट पोजटिव आया है, उसके मुंह में यह वायरस आया था। कोविड-19 कोरोना वायरस मनुष्य से जिस तरीके से मनुष्य में फैलता है, उसी तरीके यह वायरस मनुष्य से जानवरों से पशुओं को भी हो सकता है। जो व्यक्ति कोरोना वायरस से पीड़ित है, उनको मनुष्यों के साथ-साथ पशुओं व जानवरों को भी दूर रखना चाहिए। विशेषज्ञों के अनुसार जो भी पशु जानवर बच्चे नहीं देते और वह सिर्फ अंडे देते हैं। उनका चिकन या अंडे पकाकर खाने से किसी भी किस्म का कोई वायरस नहीं होता। बकरे व सूअर का मीट खाने से वायरस फैल सकता है।