आखिर टोक्यो ओलंपिक को टालने में इतनी देरी क्यों हुई...?

जालन्धर, 25 मार्च (साबी) : अंतर्राष्ट्रीय ओलंपिक कमेटी के प्रधान थाम्स बाक के साथ चर्चा के बाद जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे ने 2020 की टोक्यो ओलम्पिक को एक वर्ष के लिए स्थगित करने की घोषणा कर दी। दुनिया में बड़े-बड़े खेल ईवैंट या तो कोरोना महामारी मार कर टाल दिए गए या रद्द किए गए थे परन्तु टोकियो ओलम्पिक को स्थगित करने में आखिर इतनी देरी क्यों लगी। आई.ओ.सी. ने स्वयं पहले इस संबंधी 4 सप्ताह में फैसला देने का समय दिया था तथा इस फैसले की दुनिया भर के एथलीटों ने निंदा की थी। इन खेलों को अब टाल दिया गया है तथा अब सवाल यह पैदा हो गया है कि इसके परिणाम क्या होंगे।
आखिर टालने में देरी क्यों
सारी दुनिया ने आई.ओ.सी. को ओलम्पिक खेलों को टालने के लिए बेनती की थी। कनाडा, आस्ट्रेलिया व ब्रिटेन ने इस वर्ष ओलम्पिक में भाग लेने से इन्कार कर दिया था परन्तु सूत्र बताते हैं कि मामला आई.ओ.सी. व टोकियो 2020 की प्रबंधक कमेटी के बीच आकर फंस गया था कि इस संबंधी आखिर पहल कौन करे क्योंकि प्रबंधक चाहते थे गेम्ज़ को टालने का फैसला आई.ओ.सी. करे तथा उस पर कोई ज़िम्मेवारी न ओ। यदि प्रबंधकी कमेटी इसको स्थगित करती तो उसके मेज़बान सिटी पर इकरारनामा रद्द करने का इल्जाम लग जाता तथा इकरारनामा यह कहता है कि आपसी सहमति से जो भी इसे कैंसिल करता है उसको अरबों डालर का मुआवज़ा देना पड़ सकता था क्योंकि वर्ल्ड हैल्थ आर्गेनाइजेशन ने इन केलों को रद्द या स्थगित करने का कोई भी आदेश नहीं दिया था। इसलिए आई.ओ.सी. के पास सेफ्टी के आधार पर इसको कौंसिल करने का अधिकार है तथा इस फैसले पर कोई भी डैम्ज क्लेम नहीं कर सकता।
टोक्यो ओलंपिक को स्थगित करना एक बड़ा व चुनौती वाला फैसला
इससे पहले ओलम्पिक खेलों को विश्व युद्ध के कारण रद्द किया गया है। आई.ओ.सी. व टोकियो ओलम्पिक प्रबंधक कमेटी का कहना है कि 10.8 अरब पौंड, 12.6 अरब डालर या 1.35 लाख करोड़ येन वाले बजट वाली खेलों को स्थगित करने से इस समय कई चुनौतियां पैदा हो गई हैं। एक तरफ तो जापान कोरोना वायरस की स्थिति से निपट रहा है तथा अब टोकियो मैट्रोपोलिटन सरकार, जापान सरकार, टोकियो 2020 मार्किटिंग पार्टनर, ब्राडकास्टर व कन्ट्रैक्टर पार्टनर से नज़दीकी सहयोग बहुत ही ज़रूरी हो गया है। दूसरी ओर होटलों के कमरे पहले कई वर्ष ही बुक हो जाते हैं जो अब खेलों को स्थगित किए जाने किए जाने के कारण शायद ही मिल सकें तथा एथलीट गांव एक वर्ष के लिए अब खाली रहेगा। इसके साथ ही आई.ओ.सी. को इन खेलों से अरबों रुपए का खज़ाना मिलना था। इसके साथ ही कई फैडरेशनों ने खिलाड़ियों का बीमा करवाया था तथा अब स्थिति बदल गई है तथा हालात मुश्किल हो जाएंगे।
अब आर्थिक संकट भी पैदा हो जाएगा
अब खेल का अपना कैलेंडर होता है तथा अब यह कोरोना महामारी कब समाप्त होगी अभी स्थिति स्पष्ट नहीं हुई है तथा टोकियो ओलम्पिक स्थगित होने से कई अरब पौंड के करार बीच में लटक गए हैं। इसलिए अब हर पार्टी एकतरफा फैसला नहीं ले सकती तथा उसको एक-दूसरे की पहल का इंतज़ार करना पड़ रहा है। प्रबंधक कमेटी को अब इसका हल ढूंढना पड़ेगा कि उसको कम से कम वित्तीय नुक्सान हो सके परन्तु कुछ भी हो टोकियो ओलम्पिक खेलों के स्थगित होने से एक बार फिर पूरे विश्व को अपनी खेल गतिविधियों की नए सिरे से योजनाबंदी करनी पड़ेगी तथा खिलाड़ियों को ओलम्पिक की तैयारी में कुछ मुश्किलें भी ज़रूर आ सकती हैं परन्तु टोकियो ओलम्पिक स्थगित होने वाले विश्व के खेल भाईचारे को राहत ज़रूर मिली है।