15 दिन से स्थिर हुई पैट्रोल डीजल की कीमतें

जालन्धर, 30 मार्च (शिव शर्मा): तालाबंदी से पहले तेल कम्पनियों द्वारा पैट्रोल व डीज़ल की रोज़ाना कीमतें बढ़ती या घटती रहती थीं परंतु तालाबंदी के बाद पैट्रोल व डीज़ल की कीमतें न तो घटाई गईं हैं और न ही तेल कम्पनियों ने बढ़ाई हैं। तालाबंदी से पहले 15 मार्च को पैट्रोल, डीज़ल की जो कीमतें चल रही थीं, वह अब तक लागू हैं। तालाबंदी का ऐलान होने के बाद देशभर में पैट्रोल, डीज़ल बंद था और केवल चुनिंदा पैट्रोल पम्पों पर ज़रूरी सेवाओं के काम में लगे पैट्रोल पम्पों को तैय समय खोलने की मंजूरी दी गई थी। 15 मार्च को डीज़ल की कीमत लगभ्गा 69.55 व पैट्रोल की कीमत 72.29 रुपए के करीब थी। 15 के बाद तेल कम्पनियों ने किसी प्रकार से कीमतों में नई कीमत लागू नहीं की है। वैसे अंतर्राष्ट्रीय बाज़ार में जनवरी से ही कच्चे तेल की कीमतें 68 डालर प्रति बैरल से गिरनी शुरू हुई हैं और अब कच्चा तेल रिकार्ड कीमत पर पहुंच गया है जोकि इस समय 22 डालर प्रति बैरल बिक रहा है।  लगभग पहले पैट्रोल पम्पों पर 10 से 12 हज़ार पैट्रोल, डीज़ल की बिक्री होती थी और अब उन पैट्रोल पम्पों की बिक्री भी केवल 10 से 12 फीसदी रह गई है। चाहे तालाबंदी के कारण तेल की बिक्री न होने के कारण तेल कम्पनियों को भी इसका नुक्सान हुआ है परंतु कम्पनियों को उम्मीद है कि 14 से हालात ठीक होते हैं और अप्रैल माह में गेहूं की कटाई के समय तेल की बिक्री पूरी कर लेंगे। पहले दिन सभी पैट्रोल पम्पों को खुलने की मिली मंजूरी बारे जब पैट्रोल पम्प डीलर एसोसिएशन के प्रवक्ता मौंटी सहगल का कहना था कि पहली बार सभी पैट्रोल पम्प खुले हैं परंतु अब तेल लेने के लिए वह लोग ही आए हैं जिनमें ज़रूरी सामान सप्लाई करने वाली व स्वास्थ्य विभाग, प्रशासन की गाड़ियां हैं।