कोरोना के कहर से कब मिलेगा छुटकारा ?

कोरोना वायरस पूरी दुनिया में इस तरह अपना जाल बिछा चुका है कि बहुत सारे देशों ने तो इसको महामारी ही घोषित कर दिया है। 15 अप्रैल तक तो बाहर से आने-जाने वाले लोगों पर प्रतिबंध ही लगा दिया गया है। इसके कहर से पूरी दुनिया ही हिल चुकी है। बेशक इस वायरस को लेकर सरकार की समय पर चौकसी और सरोकार सराहनीय हैं। इस महामारी से दुनिया में ठप्प पड़ी आर्थिक गतिविधियों से आशंकित शेयर बाज़ारों में गिरावट अपेक्षित थी। मगर भारतीय शेयर बाज़ारों में ऐसी रिकार्ड गिरावट आएगी, इसका अनुमान नहीं था। ऐसा नहीं कि यह गिरावट सिर्फ भारतीय बाज़ारों में ही हुई है। यह ट्रेंड विश्व-व्यापी है। जहां तक कि गिरावट में तेजी के चलते अमरीका तक में शेयर कारोबार रोकना पड़ा है। इस वायरस की कोई दवाई या टीका अभी बना नहीं है। मगर जैसे-जैसे यह वायरस फैल रहा है, उससे भी ज्यादा इसका ख़ौफ पैदा किया जा रहा है। शेयर बाज़ारों में गिरावट की एक बड़ी वजह कोरोना वायरस द्वारा 100 से अधिक देशों को गिरफ्त में लेने के बाद विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा इसे महामारी घोषित करना भी है। इस घटनाक्रम से विश्व की अर्थ-व्यवस्था में ठहराव आने से बाज़ार आशंकित हैं। तमाम देशी-विदेशी नागरिकों के अपने यहां आने पर रोक लगा दी गई है। अमरीका द्वारा ब्रिटेन के अलावा सभी यूरोपीय देशों के नागरिकों के अपने यहां आने पर रोक लगाने के फैसले का असर भी विश्व शेयर बाज़ार पर तत्काल नज़र आया है। अब तक दुनिया में 7 लाख से अधिक लोगों के वायरस की चपेट में आने और 16 हज़ार लोगों की मौत की खबरें आ रही हैं। हर तरफ अनिश्चितता का माहौल है। सभी लोगों की नज़रें इस पर टिकी हुई हैं कि कोरोना वायरस के कहर से कब छुटकारा मिलेगा? फिलहाल तो सावधानी में ही बचाव है।