हिन्दी का महत्त्व समझें

दिजोल्ली में अर्थात् केन्द्र में ज्यादातर कार्य हिन्दी में ही होते हैं, क्योंकि दिल्ली और हमारा देश हिन्दी भाषी है। पूरे देश में और देश के सभी राज्यों में हिन्दी भाषा को बढ़ावा देना चाहिए। लेकिन हमारे देश का दुर्भाग्य है कि विभिन्न राज्यों में हिन्दी में कार्य नहीं होते हैं न ही हिन्दी को बढ़ावा देने की कोई बात करता है, जैसे तमिलनाडू, सिक्किम, पं. बंगाल, गुजरात, कर्नाटक आदि राज्यों में हिन्दी में कार्य नहीं होते न ही हिन्दी को बढ़ावा दिया जाता है। हमारे देश में पंजाबी मिलेंगे, मराठी मिलेंगे, गुजराती मिलेंगे आदि लेकिन भारतीय (मतलब सभी राज्यों के लोग एक साथ हों) नहीं मिलेंगे। सारे भारतीय एकजुट सिर्फ भारत- पाकिस्तान के क्रिकेट मैच में मिलेंगे।  हिन्दी भाषा की जो गहराई है, वह किसी और भाषा में नहीं है। हिन्दी का महत्त्व और उपयोग हर भारतीय को करना चाहिए। 

—डा. एम.एल. सिन्हा