लॉकडाऊन: भारतीय ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को लग सकता है 50 हज़ार करोड़ का झटका

अमृतसर, 2 अप्रैल (सुरिन्द्र कोछड़) : कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए किए गए देशव्यापी लॉकडाऊन के साथ भारतीय ट्रांसपोर्ट क्षेत्र को 50 हज़ार करोड़ रुपए का नुक्सान पहुंचने की संभावना प्रकट की जा रही है। देश में लॉकडाऊन के अधीन अधिकतर यात्री सेवाएं बंद होने के कारण यात्री रेलगाड़ियों के अलावा हवाई जहाज, बसें व टैक्सियों की आवाजाही भी लगभग बंद है। सिर्फ जरूरी सामान, डाक्टरी उपकरण, दवाइयां व सुरक्षा बलों के जवानों के लिए जरूरी माल गाड़ियों, कारगो हवाई सेवाएं तथा बसें ही चलाई जा रही हैं। आम यात्री सेवाओं पर पाबंदी एवं सीमित माल की आवाजाही के साथ ट्रांसपोर्टरों व बस आप्रेटरों को भारी घाटे का सामना करना पड़ रहा है। विशेषज्ञों के अनुसार लगाए गए अनुमान के अनुसार 21 दिन के लॉकडाऊन के दौरान भारतीय ट्रांसपोर्ट सैक्टर को 50 हज़ार करोड़ रुपए का नुक्सान हो सकता है। जबकि रेलवे मंत्रालय के अनुमार के अनुसार लॉकडाऊन के कारण रेलवे को यात्रियों व माल की आवाजाही में लगभग 7500 करोड़ रुपए का नुक्सान होगा। इसी तरह भारतीय हवाबाजी क्षेत्र को भी 10 हज़ार करोड़ से अधिक नुक्सान होने का अनुमान है। इसी तरह से सड़क आवाजाही क्षेत्र के विशेषज्ञों का कहना है कि देशव्यापी लॉकडाऊन के दौरान ट्रक व बस ट्रांसपोर्ट कारोबार को रोज़ाना हमारों करोड़ रुपए के किराए व ढुनाई का नुक्सान पहुंच रहा है।