कर्फ्यू बढ़ाने बारे फैसला हालात पर निर्भर : कैप्टन

सतनाम सिंह माणक जसपाल सिंह
जालन्धर, 3 अप्रैल : मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि पंजाबियों ने हर मुश्किल स्थिति का मुकाबला बड़ी हिम्मत व दलेरी से किया है तथा कोरोना के विरुद्ध लड़ी जा रही लड़ाई में भी पंजाबियों द्वारा अपना पूरा योगदान डाला जा रहा है। बात चाहे तालाबंदी दौरान सरकारी निर्देशों का पालन की हो या फिर कर्फ्यू के कारण भूखे लोगों का पेट भरने की हो, पंजाबियों ने हर बार की तरह इस बार भी न केवल अपने घरों में रह कर कोरोना के विरुद्ध लड़ाई को सफल बनाने में अहम योगदान डाला बल्कि ज़रूरतमंदों तक राशन व लंगर पहुंचाकर एक बार फिर दुनिया भर में अपनी फराकदिली की मिसाल कायम की है। कोरोना के विरुद्ध इस लड़ाई में डाक्टरों, नर्सों, पैरा मैडीकल स्टाफ, पुलिस व मीडिया द्वारा निभाई जा रही भूमिका की भी भरपूर प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि ऐसे सामूहिक प्रयासों से ही कोरोना को हराया जा सकता है। उन्होंने कहा कि बेशक कोरोना के विरुद्ध लड़ाई काफी मुश्किल है परन्तु पंजाबी हर स्थिति का मुकाबला करने में समर्थ हैं। इन विचारों का प्रकटावा उन्होंने ‘अजीत’ वैब टी.वी. से एक विशेष इंटरव्यू दौरान करते हुए किया तथा निम्नलिखित इंटरव्यू के मुख्य अंश-
प्रश्न : कोरोना के विरुद्ध लड़ाई संबंधी पंजाब सरकार द्वारा किस तरह की तैयारी की गई है?
उत्तर : कोरोना वायरस कोविड-19 ने पूरी दुनिया के देशों को अपनी चपेट में लिया हुआ है तथा देश के अन्य भागों की तरह पंजाब में भी इस बीमारी ने अपने पांव पसारे हुए हैं परन्तु लोगों को घबराने की ज़रूरत नहीं है तथा सरकार द्वारा इस बीमारी से निपटने के लिए हर सम्भव प्रयास किए जा रहे हैं। अभी राज्य के तीन शहरों अमृतसर, पटियाला व चंडीगढ़ में ही टैस्ट करने की सुविधा उपलब्ध है परन्तु इस संबंधी केन्द्र सरकार को कहा जा रहा है कि राज्य के अन्य मैडीकल कालेजों में भी टैस्ट करने की सुविधा दी जाए ताकि पीड़ित मरीज़ों का शीघ्र टैस्ट हो सके। पी.पी.ई. किटें भी खरीदी जा रही हैं तथा इसी तरह जीवन रक्षक अन्य उपकरण भी मंगवाए जा रहे हैं।
प्रश्न : कर्फ्यू की अवधि को लेकर लोगों के मनों में कई तरह की शंकाएं हैं, उस बारे स्पष्ट करें?
उत्तर : कर्फ्यू बारे अभी कुछ भी कहना जल्दबाज़ी होगी। कोरोना की बीमारी पूरे देश में फैली हुई है तथा ऐसे में केन्द्र सरकार का फैसला भी काफी अहम है तथा फिर भी यदि केन्द्र सरकार के आगे तालाबंदी जारी नहीं रखती तो पंजाब में कर्फ्यू बढ़ाने बारे फैसला मौके के हालात को देख कर 14 अप्रैल के बाद ही लिया जाएगा।
प्रश्न : कोरोना महामारी के मद्देनज़र मरीज़ों के इलाज के लिए नवांशहर के निजी डाक्टरों ने अपनी सेवाएं देने की पेशकश की है, इस संदर्भ में शेष ज़िलों में भी निजी डाक्टरों से सम्पर्क कायम करने की कोई कोशिश की जा रही है?
उत्तर : जी हां? जिस तरह नवांशहर ज़िले की मैडीकल एसोसिएशन ने अपने 35 डाक्टरों की सूची सरकार को सौंपी है, उस तरह अन्य ज़िलों में भी किया जा रहा है। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि पिछले तीन वर्षों में सेवानिवृत्त हो चुके डाक्टरों को भी ड्यूटी पर आने की पेशकश की गई है, जिसका काफी सेवानिवृत्त डाक्टरों द्वारा सकारात्मक समर्थन किया गया है तथा वह सेवा निभाने के लिए पूरी तरह से तैयार हैं।
प्रश्न : कुछ निजी अस्पतालों द्वारा ओ.पी.डी. बंद करने बारे चल रही चर्चा बारे क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर : हां। कुछ निजी अस्पतालों द्वारा ऐसा करने की शिकायतें उनके पास पहुंची हैं तथा उन्होंने इसकी जांच के लिए कहा है। उन्होंने कहा कि ऐसा करने वाले अस्पतालों को बख्शा नहीं जाएगा तथा उनके लाइसैंस रद्द किए जाएंगे।
प्रश्न- कर्फ्यू के दौरान ज़रूरतमंदों की किस तरह सहायता की जा रही है?
उत्तर-कर्फ्यू के दौरान दिहाड़ीदार व अन्य ज़रूरमंदों को राशन पहुंचाने के लिए सरकार द्वारा हर स्तर पर प्रबंध किए जा रहे हैं। सरकार द्वारा 2 करोड़ के लगभग राशन के बैग ज़रूरतमंदों को आने वाले दिनों में मुहैया करवाए जाएंगे। उन्होंने कहा कि पंजाबियों के दिल बहुत बड़े हैं और ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए पंजाबी दिल खोलकर दान दे रहे हैं। मुख्यमंत्री राहत फंड में भी देश-विदेश में रहते पंजाबियों द्वारा बड़े स्तर पर योगदान डाला जा रहा है।
प्रश्न- ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आए समाज सेवी व धार्मिक संस्थाओं के साथ तालमेल किस तरह किया जा रहा है?
  उत्तर- गरीबों और मज़दूरों की सहायता के लिए अनेक समाज सेवी व धार्मिक संस्थाओं द्वारा लगातार सेवा की जा रही है और इस काम में ज़िलों के डिप्टी कमिश्नर और पुलिस अधिकारी उनका पूरा सहयोग कर रहे हैं।
प्रश्न- मज़दूरों द्वारा राज्य में किए जा रहे पलायन को रोकने के लिए सरकार क्या कदम उठा रही है?
उत्तर-पंजाब में मज़दूरों का पलायन बिल्कुल भी नहीं हुआ और यह पंजाबियों के साथ उनकी सांझ और प्यार है कि आज भी बड़ी संख्या में मज़दूर पंजाब में ही रुके हुए हैं। मज़दूरों की सहायता के लिए उन्होंने उद्योगपतियों को कहा है कि वह अपने-अपने उद्योग चला सकते हैं परंतु मज़दूरों को अंदर ही रखने और उनके रहने आदि का प्रबंध करें, जिस संबंधी काफी उद्योगपतियों द्वारा अपनी इकाइयां चालू भी कर दी गई है।
प्रश्न-कोरोना संकट के मद्देनज़र केन्द्र द्वारा राज्य सरकार को क्या पूरा सहयोग मिल रहा है?
उत्तर-जी, केन्द्र सरकार द्वारा राज्य सरकार को पूरा सहयोग दिया जा रहा है और किसी भी तरह की कोई दिक्कत नहीं आ रही। इसके साथ ही राज्य के समूचे राजनीतिक पक्षों द्वारा भी सरकार को इस लड़ाई में पूरा-पूरा सहयोग दिया जा रहा है, जिसके लिए वह राजनीति पार्टियों के नेताओं का धन्यवाद भी करते हैं।
प्रश्न- इस मुश्किल के समय राज्य के लोगों द्वारा किस तरह का सहयोग मिल रहा है?
उत्तर-पंजाब के लोगों की यह दरियादिली है कि वह इस संकट के समय ज़रूरतमंदों की सहायता के लिए आगे आए हैं। यही बस नहीं कई धार्मिक संस्थाएं भी कोरोना के खिलाफ लड़ाई में सरकार का साथ देने की पेशकश कर चुकी हैं।
प्रश्न- क्या दिल्ली के निज़ामुद्दीन क्षेत्र से आए सभी मुस्लिम भाईचारे के लोगों के बारे पता लगा लिया गया है?
उत्तर-नई दिल्ली निज़ामुद्दीन क्षेत्र से मरकज़ में शामिल हुए मुसलमान काफी समय पहले ही राज्य में आ चुके हैं और 200 के लगभग ऐसे मुसलमानों में अब तक ऐसे 145 के लगभग मुसलमानों की पहचान कर उनकी जांच की जा चुकी है।
प्रश्न-कर्फ्यू के मद्देनज़र गेहूं के मंडीकरण की चिंता किसानों को सता रही है, इसके बारे आप क्या कहना चाहेंगे?
उत्तर- किसानों को किसी भी तरह डरने की ज़रूरत नहीं और 15 अप्रैल से सरकार द्वारा गेहूं की खरीद शुरू की जा रही है और किसानों का एक-एक दाना मंडी से उठाया जाएगा। गेहूं की खरीद संबंधी सरकार द्वारा सभी प्रबंध मुकम्मल कर लिए गए हैं और अदायगी की भी चिंता करने की ज़रूरत नहीं है। आज ही उनके द्वारा एजैंसियों के अधिकारियों के साथ एक बैठक कर समूचे प्रबंधों का जायज़ा लिया गया है। ऐसे समय पंजाब सरकार किसानों की हर संभव सहायता करने के लिए पूरी तरह तैयार है।
प्रश्न- कोरोना संकट के दौरान मीडिया के रोल बारे आपका क्या कहना है?
उत्तर- इस संकट के समय प्रिंट और इलैक्ट्रानिक मीडिया बहुत ही सकारात्मक रोल निभा रहा है, खासकर लोगों तक सही और स्टीक जानकारी मुहैया करवाने में अखबारे अहम योगदान दे रही हैं।
प्रश्न- आखिर में पंजाब के लोगों को क्या संदेश देना चाहेंगे?
उत्तर- पंजाब के लोगों को यही कहना चाहूंगा कि उनका दिल बहुत बड़ा है और इस संकट की घड़ी में भी वह किसी तरह न घबराएं और हमेशा चड़दी कला में रहने और चड़दी कला में रहकर ही कोरोना को हराया जा  सकता है। कोरोना को मात देने के लिए लोगों को स्वास्थ्य विभागों के निर्देशों और सावधानियों का पालन करना चाहिए।