कोरोना के लिए सबका ‘सीरम टेस्ट’ ज़रूर हो : विशेषज्ञ

नई दिल्ली, 4 अप्रैल (वार्ता) : प्रसिद्ध बॉयोटेक  विशेषज्ञ एवं विश्वविद्यालय अनुदान आयोग के पृर्व अध्यक्ष डा. वी. एस. चौहान ने कहा है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) से निपटने के लिए पूरी दुनिया मे 35 प्रायोगिक टीकों पर परीक्षण चल रहे हैं और  भारत में भी इस वायरस के प्रायोगिक टीकों का  चूहे आदि पर परीक्षण शुरू हो गया  है। अगर मनुष्यों पर भी इसका  परीक्षण सफल पाया गया तो अगले वर्ष ये  टीके बाज़ार में आ जाएंगे। उनका कहना है कि प्रायोगिक  टीकों के परीक्षण के साथ साथ  सरकार को सभी लोगों के रक्त का ‘सीरम टेस्ट’ शुरू कर देना चाहिए ताकि पता चल सके कि कितने लोग कोरोना वायरस के संक्रमण से अपने आप ठीक हो गए हैं क्योंकि एक बार जब लोग अपनी प्रतिरोधक क्षमता से इस वायरस को अपने भीतर मार देते हैं तो उनके दोबारा संक्रमित होने की संभावना बहुत ही कम हो जाती है। इस टेस्ट से फायदा यह होगा कि कोई व्यक्ति टेस्ट कराकर लॉकडाउन के बाद काम पर जा सकेगा। उसे कोरोना होने का डर नहीं रहेगा।