सरकार के ‘कमाऊ पूत’ को इस वर्ष बड़ा झटका दे जाएगा कोरोना

जालन्धर, 5 अप्रैल (शिव शर्मा): विश्वभर में खतरनाक हो रहे कोरोना पंजाब में भी पंजाब सरकार के ‘कमाऊ पूत’ समझे जाते जीएसटी विभाग बड़ा झटका दे जाएगा जिसकी भरपाई इस वर्ष होनी मुश्किल होगी, और तो और कारोबारियों के जो करोड़ों रुपए विभाग की ओर निकलते हैं, उनकी भी आगामी कई माह तक वापसी करनी विभाग के लिए आसान नहीं होगी।  दो सप्ताह से ज्यादा समय से जारी कर्फ्यू से कारोबार ठप्प होने के बाद नुक्सान की वित्त मंत्री ने भी चिंता जताई है। पंजाब सरकार का ज्यादातर होने वाला खर्च उसका पहले स्थान पर समझे जाते कमाऊ पूत जीएसटी विभाग द्वारा ही उठाया जाता है। जीएसटी से सरकार को सालाना 25000 करोड़ रुपए की आय होती है और इससे ही अनुमान लगाया जा सकता है कि उसका रोज़ाना कितने करोड़ों का नुक्सान हो रहा है। कोरोना के कारण पैदा हुई स्थिति ने पंजाब में सब कुछ ठप्प करके रख दिया है बल्कि सरकार द्वारा आगामी समय में अपने कर्मचारियों के लिए वेतन देने के काम में भी देरी होने की सम्भावना से इन्कार नहीं किया जा सकता। पंजाब सरकार मौजूदा समय में कारोबारियों की हालत से काफी चिंतित है और उसके लिए आने वाले समय में बिजली बिलों की राशियों में राहत देने के लिए तैयारियां तो की जा सकती हैं। सरकार द्वारा राज्य की औद्योगिक इकाइयों में काम करते प्रवासी मज़दूरों को नकदी राहत देने के लिए उनकी जानकारी एकत्रित की जा रही है जिनके बारे यह चर्चा है कि इसलिए केन्द्र द्वारा दी गई सहायता का कुछ हिस्सा प्रवासी मज़दूरों को दिया जा सकता है। औद्योगिक इकाइयों में लाखों की संख्या में प्रवासी श्रमिक काम करते हैं और काम न होने की स्थिति में उन्हें लम्बे समय तक टिकाए रखना आसान नहीं होगा। सरकार ने प्रवासी मज़दूरों को औद्योगिक इकाइयों में टिकाए रखने के लिए फैक्टरियां चलाने का आह्वान किया था परंतु बाज़ार में कच्चा माल लाने व और सामान न मिलने के कारण उद्योगपतियों ने समर्थन नहीं दिया था। कोरोना के संकट के कारण औद्योगिक इकायों के आर्डर फिलहाल स्थगित हो गए थे। कोरोना संकट से राज्य कब बाहर निकल पाता है