पंजाब की मंडियाें में समर्थन मूल्य से कम मूल्य पर सरसों बेचने को मजबूर किसान

फाजिल्का, 8 अप्रैल (दविन्द्रपाल सिंह) : रबी की कटाई का समय सिर पर है, पंजाब में बेश्क गेहूं की कटाई तापमान में नमीं के कारण पिछड़ गई है, लेकिन सरसों की कटाई शिखरों पर चल रही है। 
केन्द्र व पंजाब सरकार दोनों किसानों को अधिक से अधिक बीज वाली फसलें बीजने के लिए प्रेरित करते हैं, लेकिन पंजाब में इस समय सरसों के रेट में पड़ोसी राज्यों के मुकाबले कम रेट पर मिलने के कारण किसानों को भारी आर्थिक नुकसान उठाना पड़ रहा है। केन्द्र सरकार द्वारा सरसों का 4425 रूपये समर्थन मूल्य निर्धारित किया गया है, जबकि पंजाब की मंडियों में इस समय व्यापारी 32-3300 रूपये प्रति क्विंटल के हिसाब से सरसों खरीद कर रहा है। पंजाब में 5500 से लेकर 6 हजार हैक्टेयर रकबे में सरसों की बिजाई की जाती है। 8 से 10 क्विंटल अच्छी सरसों प्रति एकड़ निकलती है। इस तहर कम रेटों पर पंजाब के किसानों को हरियाणा व राजस्थान के किसानों के मुकाबले 8 से 10 हजार रूपये प्रति एकड़ नुकसान झेलना पड़ रहा है। 
फाजिल्का के युवा किसान हरदीप ढाका ने खेतीबाड़ी राज्य मंत्री के ध्यान में भी यह मामला लाया है। इसके साथ ही उन्होंने मंडीकरण बोर्ड के सचिव रवि भगत के पास भी यह मामला उठाया है कि पंजाब के किसानों की किस तरह से लूट की जा रही है। समर्थन मूल्य से कम रेट पर सरसों बचने पर वह कोई सार्थक जवाब नहीं दे सके।