कोरोना से गंभीर मंदी के घेरे में आ सकती है सारी दुनिया

अमृतसर, 9 अप्रैल (सुरिन्द्र कोछड़): आज विश्व के अधिकतर देश कोरोना वायरस महामारी का सामना कर रहे हैं तथा इस कारण सारी दुनिया गंभीर मंदी के घेरे में आ सकती है। इससे आने वाले आर्थिक संकट से निकलने लगे उनको लम्बा समय लग सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि कोविड-19 के कारण आने वाली मंदी 2008-09 के वित्तीय संकट से भी कहीं बड़ी होगी। विशेषज्ञों के अनुसार मौजूदा स्थिति के मद्देनज़र हर देश का उद्देश्य होना चाहिए कि आने वाली आर्थिक मंदी की वृद्धि को कम करने या रोकने के लिए जो भी उपाय हैं उसका प्रयोग किया जाए ताकि स्थिति को बदला जा सके। बताया जा रहा है कि कोरोना वायरस महामारी के कारण विश्वव्यापी व्यापार के इस वर्ष दौरान एक तिहाई तक कम होने की सम्भावना है। विशेषज्ञों ने विश्व व्यापार में 13 प्रतिशत से लेकर 32 प्रतिशत तक की कमी आने की सम्भावना जताई है। इसका कारण कोरोना वायरस से साधारण आर्थिक गतिविधियां व जीवन बुरी तरह से प्रभावित होना है। इसके साथ ही विश्व व्यापार में वर्ष 2021 में 20-24 प्रतिशत तक उछाल आने की भी उम्मीद है। विशेषज्ञों के अनुसार यह इस बात पर निर्भर करता है कि कोरोना वायरस का संकट कितने समय तक बना रहता है। इस संकट से निपटने के लिए किसी भी देश के अकेले काम करने से नहीं बल्कि एक साथ मिल कर काम करने से बढ़िया परिणाम आएंगे। विशेषज्ञ मानते हैं कि ऐसी स्थिति में लगभग हर क्षेत्र में कारोबार की गिरावट दोहरे अंक में होगी तथा कोरोना से लगभग सभी सैक्टरों का प्रभावित होना तय है, परन्तु सबसे अधिक प्रभाव इलैक्ट्रोनिक व आटोमोटिव उत्पादों पर देखने को मिलेगा, उनके कारोबार में तेज़ी से गिरावट आएगी। सर्विस ट्रेड में असर सीधे तौर पर दिखाई देगा क्योंकि यातायात व यात्रा लगभग पूरी तरह से ठप्प है।