दूसरे राज्यों में गेहूं की फसल काटने गईं कंबाइनें वापिस न आने के कारण पिछड़ सकती है कटाई 

बटाला, 17 अप्रैल (डा. कमल काहलों) :  पंजाब में गेहूं की फसल कटने के लिए तैयार है। कई जिलों में कटाई शुरु हो चुकी है, परंतु कईयों में अभी भी मंडियों में गेहूं नहीं पहुंची है, जिसका मुख्य कारण प्रवासी मजदूरों की कमी और दूसरे राज्यों में फसल काटने गईं कंबाइनों की कमी भी बताया जा रहा है। इसके अलावा इस बार सर्दियों की ऋतु लंबी और ऊपर से बेमौसमी बारिश ने भी कटाई की फसल का समय लंबा कर दिया है। वर्णननीय है कि अब तक मध्य प्रदेश में गेहूं की 60 फीसदी कटाई हो चुकी है। उत्तर प्रदेश में 30 फीसदी। इन राज्यों में गेहूं की कटाई पहले हो जाने कारण पंजाब की गेहूं काटने वाली 18 हजार कंबाइनें इन राज्यों में पहुंची हुई हैं, जिनमें बहुत कम संख्या में वापिस आई हैं। लॉकडाऊन कारण उनको पंजाब आने के लिए दूसरे राज्यों से पास नहीं मिल रहा है और इस बार बिहार और यू.पी. प्रवासी मजदूर भी नहीं पहुंच सके। हर वर्ष पंजाब में चार लाख से अधिक मजदूर दूसरे राज्यों से आते हैं, उनके द्वारा अनाज मंडियों में गेहूं की कटाई और भंडारन का काम लिया जाता है। यह भी वर्णननीय है कि कर्फ्यू कारण पंजाब के स्थानीय कर्मचारी भी घरों में बैठे हुए हैं। किसानों का कहना है कि कल से बदलते मौसम व बूंदाबादी से पैदावार में नुकसान हो सकता है, परंतु अगर यह हालात रहे तो रिकार्ड उत्पादन भी हो सकता है। 
इस बार तूड़ी बनाने में आ सकती है मुश्किल
मजदूरों की कमी कारण इस बार किसान कंबाइनों से कटाई करने की उम्मीद पर बैठे हैं, क्योंकि कंबाइनों से गेहूं काटने के बाद रीपरों से बनाई जाती है, जो बहुत कम मात्रा में बनती है और इस बार कंबाइनों और रीपरों की भी कमी कारण किसानों को तूड़ी बनाने में भारी मुश्किल आ सकती है। यह भी वर्णननीय है कि कंबाइनों और प्रवासी मजदूरों की पंजाब में कटाई समय आमद रहने पर पंजाब के किसानों ने आप कटाई करने से लगभग मुंह फेर लिया है।
सरकार मौसम को देखते हुए बिना पास के आई गेहूं की खरीद करे  : किसान
मंडी में पहुंचे किसानों का कहना है कि आजकल जैसे एक या दो किसान बिना पास के भी मंडी में गेहूं बेचने आते हैं तो उच्च अधिकारियों को चाहिए कि वो बदलते मौसम और बूंदाबांदी को देखते गेहूं की खरीद शुरु करावएं न कि उनको वापिस भेजें। उनका यह भी कहना है कि सामाजिक दूरी जरूरी है, परंतु जब फसल का मंडी में अधिकता हो जाए तो उसके बाद सख्ती बरतते पास लाजिमी कर दिए जाएं।
लंबी सर्दियां व भारी बरसातों ने भी कटाई के काम को पछाड़ा
गेहूं बीजते समय ही बरसातें शुरु हो गई थीं और कई किसानों को दूसरी बार गेहूं की बिजाई करनी पड़ी थी। उसके बाद लगातार पड़ी बारिशों से जहां सर्दी की ऋतु भी लंबी रही, वहीं किसानों को हाड़ी समय बहुत सारी मुश्किलों का सामना करना पड़ा। इस बार बेट इलाके में कई किसानों के सिट्टों में दाना ही सूख गया, जिससे उन इलाकों में भ्ज्ञी पैदावार कम रहने का अनुमान लगाया जा रहा है। पीली कुंगी ने भी किसानों का भारी नुकसान किया। चाहे कि समय समय पर खेतीबाड़ी विभाग उन प्रभावित फसलों की जांच पड़ताल भी करता रहा, परंतु फिर भी इस बीमारी से गेहूं के झाड़ पर असर पड़ेगा।