धान का रकबा कम करके कपास तथा मक्का का क्षेत्रफल बढ़ाने की व्यापक योजना

चंडीगढ़, 19 अप्रैल (अ.स.) : पंजाब कृषि विभाग ने फसल विविधता प्रोग्राम के तहत वर्ष 2020 में कपास का क्षेत्रफल 9.7 लाख एकड़ से बढ़ाकर 12.5 लाख करने की योजना बनाई है।  बी.टी. कॉटन बीज और अन्य उचित लागतों के लिए पुख्ता प्रबंध किए जा चुके हैं। अतिरिक्त मुख्य सचिव (विकास) विश्वजीत खन्ना ने आज यहां बताया कि पंजाब के दक्षिणी-पश्चिमी जिलों में कपास तथा खरीफ दूसरी बड़ी पारंपरिक फसल है और समय-समय पर रुझान बदलने के कारण यह बहुत अत्यधिक संवेदनशील नकदी फ़सल है। विभाग ने धान के रकबे को कम करके मक्कई और कपास के तहत लाने के लिए व्यापक रणनीति बनाई है। ज्ञातव्य है कि वर्ष 2018 के दौरान 6.62 लाख एकड़ क्षेत्रफल कपास की खेती के तहत लाया गया था, जिसके बाद साल 2019 में इस क्षेत्रफल को बढ़ाकर 9.7 लाख एकड़ तक लाया गया। मौजूदा साल में कपास की कृषि अधीन क्षेत्रफल 9.7 लाख एकड़ से बढ़ाकर 12.5 लाख एकड़ करने की योजना बनाई है। उन्होंने बताया कि राज्य सरकार ने बीज तैयार करने वाली देश की अग्रणी कंपनियों से बी.टी. कॉटन के 21.5 लाख पैकेटों की व्यवस्था भी कर ली है।  उन्होंने बताया कि कृषि विभाग ने सम्बन्धित विभागों की सहायता से खाली प्लॉटों, सड़कों के आस-पास, खुले मैदान से घास-पात हटाने के लिए भी ज़ोरदार मुहिम शुरू कर दी है। राज्य भर के मुख्य कृषि अफसरों को भी इस कार्य को मिशन के तौर पर मुकम्मल करने के आदेश दिए गए हैं।