लॉकडाउन पर भेदभाव से सरकार पर उठे सवाल

कोरोना वायरल के चलते लॉकडाउन में हिमाचल की सीमाएं सील की गई हैं। जो जहां हैं, वहीं रहे, की तर्ज पर सब लोग सुरक्षा की दृष्टि से घर में कैद हैं। लेकिन इस लॉकडाउन के समय हिमाचल प्रदेश में भेदभाव की नीति सामने आ रही है। सरकार में प्रभावशाली लोगों के लिए तो हिमाचल की सील की हुई सीमाएं खुल जाती हैं लेकिन आम आदमी के लिए बंद रहती हैं। कोई आम आदमी आना चाहे तो उसे 14 दिन के क्वारेंटाइन में रखकर ही अपने घर जाने की अनुमति मिलेगी। इसी बीच हिमाचल प्रदेश में मंडी के सांसद रामस्वरूप शर्मा और कांगड़ा के सांसद किशन कपूर दिल्ली से हिमाचल में आ गए। इनके अलावा शिमला के कुछ अफसरों के दिल्ली से शिमला आने और सरकार के मंत्रियों-विधायकों और उनके परिजनों के बाहरी प्रदेश से हिमाचल आने पर सवाल खड़े हो गए हैं। विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी सांसदों के हिमाचल आने पर सवाल उठाया और प्रदेश से बाहर फंसे लोगों को हिमाचल लाने की बात कही। सवाल उठ रहा है कि लॉकडाउन के दौरान जब यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ राजस्थान के कोटा में फंसे उत्तर प्रदेश के हजारों छात्रों को लाने के लिए 300 बसें भेज सकते हैं, तो हिमाचल की सरकार ने ऐसा क्यों नहीं कर सकती, जो छात्र और लोग चंडीगढ़ या पंजाब से पास बनाकर हिमाचल प्रदेश में आ भी गये, उन्हें सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया गया। इस बारे में मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर कहते हैं कि जो जहां हैं वहीं रहें तो ठीक होगा, जो लोग हिमाचल की सीमा में प्रवेश करेंगे, उन्हें लॉकडाउन के नियमानुसार 14 दिन क्वारेंटाइन में रहने के बाद ही घर जाने  दिया जाएगा। विपक्ष के नेता ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नाम पत्र लिखकर प्रदेश के बाहर फंसे लोगों को घर लाने के लिए कहा है। 
कोरोना के बढ़ते मामलों से गहराया संकट
हिमाचल प्रदेश में कोरोना के मामले लगातार बढ़े हैं, जिससे संकट गहराता जा रहा है। गत दिनों हिमाचल में पांच नए मामले आए। जिनमें एक कांगड़ा जिले से, दो चंबा से और दो हमीरपुर जिले से हैं जिससे हिमाचल में कोरोना के संदिग्धों की संख्या 37 हो गई है। कांगड़ा और चम्बा में आए मामले जालंधर से आये युवकों के हैं, जिससे सरकार पर फिर वही सवाल उठ रहा है कि जब हिमाचल की सीमाएं पूरी तरह सील हैं तो फिर जालंधर से युवक कैसे हिमाचल में प्रवेश कर गए।  सूचना यह भी है कि जिस गाड़ी में ये युवक आए, उसमें और भी लोग सवार थे। अब सवाल कांगड़ा जिले की पुलिस की मुस्तैदी पर उठता है कि जब सीमाएं सील हैं तो इतने अधिक लोगों को भरकर कैसे गाड़ी हिमाचल में प्रवेश कर गई। इनके संपर्क में आने वाला एक और युवक कोरोना पॉजिटिव निकला है। इसी तरह हमीरपुर की पॉजिटिव पाई गई महिला कुछ दिन पहले ही बाहर से आई थी। प्रशासन अभी उसकी ट्रेवल हिस्ट्री की जांच पड़ताल कर रहा है। दूसरे कोरोना पॉजेटिव के बारे में भी जानकारी हासिल की जा रही है। अभी तक यही सामने आ रहा है कि बाहर से आए लोगों के द्वारा ही हिमाचल में कोरोना के मामले बढ़ रहे हैं। 
बसें बंद रहेंगी, अफवाहों से बचें
देश में लगे 3 मई तक के लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से हिमाचल के लिए कोई बस नहीं चलेगी। मुख्यमंत्री के प्रिंसिपल सचिव संजय कुंडू ने स्पष्ट किया कि कुछ लोग यह अफवाह फैला रहे हैं कि हिमाचल भवन दिल्ली से हिमाचल के लिए बस शुरू हो गई है और हिमाचल भवन के नाम से लोगों को फोन कर टिकट बुक कराने की बात कर रहे हैं। यह बात पूरी तरह से झूठ है। लॉकडाउन के दौरान दिल्ली से हिमाचल के लिए कोई बस नहीं चलेगी। केंद्र और राज्य सरकारों के निर्देशों के अनुसार हिमाचल पथ परिवहन निगम (एचआरटीसी) आगामी निर्देशों तक अंतर्राज्जीय और राज्य के भीतर सार्वजनिक परिवहन सेवाएं संचालित नहीं कर रहा है। फिलहाल सार्वजनिक परिवहन सेवाएं शुरू किये जाने की कोई योजना नहीं है। इस संबंध में किसी अफवाह, सोशल मीडिया के संदेश और अन्य किसी माध्यम से मिली सूचना पर विश्वास न करें।  एचआरटीसी के ऑनलाईन बुकिंग पोर्टल और अन्य सभी निजी बुकिंग पोर्टल पर भी 21 मार्च, 2020 से आगामी आदेशों तक बुकिंग बंद करवा दी गई थी।