दिल्ली में 200 पंजाबियों ने कैप्टन सरकार को लगाई गुहार

नई दिल्ली, 24 अप्रैल (जगतार सिंह): कोरोना-लॉकडाऊन के कारण दिल्ली में फंसे पंजाब के लगभग 200 लोगों को गत 1 अप्रैल को ऐतिहासिक गुरुद्वारा मजनूं टिल्ला से पकड़कर दिल्ली प्रशासन ने नेहरू विहार स्कूल में बनाए गए एकांतवास कैम्प में भेज दिया था। हालांकि कोरोना जांच के लिए एकांतवास का समय 14 दिन का तय किया गया है परंतु इस नेहरू विहार स्कूल एकांतवास कैम्प में इन सभी पंजाबियों को आज 24 दिन बीत गए हैं परंतु अभी तक  न तो इनका एकांतवास खत्म हुआ है और न ही इन्हें पंजाब भेजे जाने बारे कोई जानकारी मिल रही है, उलटा यहां रहकर यह लोग ज्यादा परेशान हो रहे हैं। इन लोगों द्वारा सोशल मीडिया व अन्य स्रोतों के ज़रिये पंजाब की कैप्टन सरकार से गुहार लगा रहे हैं कि हमें एकांतवास से निकालकर पंजाब में उनके घरों तक पहुंचाया जाए। इसी कैम्प में रह रहे गुरदासपुर ज़िले के गांव कठियाली निवासी सुखविंदर सिंह के साथ जब ‘अजीत समाचार’ द्वारा फोन पर बातचीत की गई तो कई हैरानीजनक जानकारी सामने आई जिससे सरकारों के दावों पर बड़ा सवालिया निशान लगने की सम्भावना बन गई है। सुखविंदर सिंह ने कथित तौर पर खुलासा किया कि 24 दिनों के एकांतवास के दौरान किसी का भी कोई टैस्ट नहीं किया गया है। हालांकि यह अच्छी बात है कि छोटी-मोटी दिक्कत को छोड़कर 200 के करीब सभी पंजाबी लोग पूरी तरह स्वस्थ हैं और पंजाब अपने घर जाने की बड़ी बेसब्री से इंतज़ार कर रहे हैं। उन्होंने यह भी बताया कि एकांतवास में ही रह रहे एक बुजुर्ग के जानकार द्वारा केन्द्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल के हवाले से भरोसा दिलाया गया है कि सभी पंजाबियों को जल्द ही एकांतवास में से निकालकर  उनके घरों तक पहुंचाया जाएगा। सुखविंदर सिंह ने दावा किया कि हमें जो जानकारी मिल रही है उससे ऐसा प्रतीत होता है कि पंजाब सरकार हमारे मामले में कोई प्रयास नहीं कर रही इसलिए सभी मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह से अपील करते हैं कि हमारी भी सुध ली जाए। इस सवाल के जवाब में सुखविंदर ने कहा कि हमें अभी यही पता चला है कि एकांतवास में दिल्ली सरकार ने भेजा है या केन्द्र सरकार ने? उल्लेखनीय है कि पंजाब से संबंधित यह सभी लोग लॉकडाऊन के चलते दिल्ली व एनसीआर आदि इलाकों में फंस गए थे और वापिस पंजाब जाने के मद्देनज़र 28 अप्रैल को गुरुद्वारा मजनूं टिल्ला में पहुंचे थे क्योंकि इन्हें सोशल मीडिया के ज़रिये संदेश मिला था कि दिल्ली कमेटी द्वारा गुरुद्वारा मजनूं टिल्ला से पंजाब के लिए बसें रवाना होंगी, कुछ बसें भेजी भी गईं परंतु इनका नम्बर नहीं आया।