किसानों के लिए कपास व मक्की की बुआई नई चुनौती

जालन्धर, 26 अप्रैल (मेजर सिंह): कोरोना आपदा के दौरान बेहद जोखिम व चुनौतीपूर्ण गेहूं की कटाई व खरीद के कार्य को बड़ी सफलता से आगे बढ़ाने से उत्साहित हुई पंजाब सरकार व किसानों के सामने अब इसी स्थिति में कपास व मक्की की फसल की बुआई का समय आ गया है। विभिन्न स्थानों से मिली जानकारी के अनुसार पिछले वर्ष राज्य में 3 लाख 90 हैक्टेयर में कपास की बुआई हुई थी, परंतु इस वर्ष कृषि विभाग ने 5 लाख हैक्टेयर में कपास की बुआई का लक्ष्य रखा है। गत वर्ष मक्की में 1 लाख 60 हज़ार क्षेत्रफल था और इस बार लगभग दुगना 3 लाख  हैक्टेयर करने का लक्ष्य रखा गया है। पंजाब के दक्षिणी मालवा के बठिंडा, मानसा, फरीदकोट, मुक्तसर व फिरोज़पुर ज़िलों में कपास की बुआई शुरू हो चुकी है। कृषि विभाग के सचिव काहन सिंह पन्नू ने बताया कि बीज व खाद का प्रबंध लॉकडाऊन में ही कर लिया गया है। कपास की बुआई के लिए कुछ 23 लाख के करीब पैकेट बीज चाहिएं और तमिलनाडु से 22 लाख पैकेट बीज पहले ही पहुंच चुका है और 5 लाख पैकेट और मंगवाया गया है।
कपास किस्म को सीधी खरीद की छूट
अगले सीज़न से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर कपास की खरीद के लिए कपास किस्म भी आगे आ रही है और पंजाब सरकार ने कपास किस्म को किसानों को सीधे कपास की खरीद की छूट दे दी है।
मक्की का 4800 टन बीज मौजूद
दोआबा के बाद मालवा की मोगा, जगरांव व लुधियाना, पट्टी में मक्की अधिक बुआई होती है। सरकारी सूत्रों के अनुसार मक्की की 3 लाख हैक्टेयर में बुआई के लिए चाहिए 6 हज़ार टन बीज में से 4800 टन आ भी चुका है और बाकी जल्द पहुंचने की उम्मीद है।