अभिषेक बच्चन के प्रति टूट रहा है मेकर्स का भरोसा

जेपी.दत्ता की ‘रिफ्यूजी’ (2000) के साथ अभिषेक बच्चन ने बॉलीवुड में डेब्यू किया था। बच्चन दा पुत्तर होने की वजह से हर किसी को जूनियर बच्चन से काफी उम्मीदें थीं। उनकी डेब्यू फिल्म ने पहले दिन 1.56 करोड़ का बिजनेस किया। यह उस वक्त अपने आप में एक कीर्तिमान था क्योंकि तब फिल्में इतना बिजनेस नहीं करती थीं लेकिन दूसरे ही दिन फिल्म बुरी तरह बैठ गईं और अंत में एक बड़ी फ्लॉप साबित हुई।   दूसरी फिल्म ‘तेरा जादू चल गया’ (2000) में भी अभिषेक बच्चन अपना जादू जगा पाने में नाकाम रहे। राजकंवर द्वारा निर्देशित ‘अढ़ाई अक्षर प्रेम के’ (2000) में वह ऐश्वर्या के अपोजिट मेन लीड में थे लेकिन एक ही साल में प्रदर्शित होने वाली यह उनकी तीसरी बड़ी फ्लॉप साबित हुई।  इस तरह अभिषेक बच्चन के साथ लोगों ने जो उम्मीदें लगा रखी थीं, वे पूरी नहीं हो सकीं लेकिन अभिषेक के साथ एक अच्छी बात हुई कि उन्हें फिल्मों में काम मिलता रहा। अनुपम खेर ने निर्देशन की पारी शुरू करते हुए जब ‘ओम जय जगदीश’ (2002) शुरू की, बिग बी के प्रति आदर भाव प्रदर्शित करते हुए इस मल्टी स्टॉरर फिल्म में अभिषेक को लिया।  ‘हाउसफुल 3’ (2016) के बाद अभिषेक बच्चन करीब करीब बेरोजगारी वाली पोजीशन में आ चुके थे लेकिन ऐसे में अनुराग कश्यप की ओर से उन्हें ‘मनमर्जियां’ (2018) का ऑफर मिल गया। तापसी पन्नू और विक्की कौशल स्टॉरर उनकी यह फिल्म बुरी तरह फ्लॉप हो गई।  देखा जाए तो अभिषेक को अपनी कई फिल्मों से धोखा मिला है और कुछ फिल्में तो उन्हें अपने पिता की वजह से मिली, लेकिन लगातार फ्लॉप फिल्मों की लिस्ट में आने से मेकर्स का उनसे भरोसा उठ गया।