मंत्रिमंडल की बैठक मंत्रियों ने आबकारी नीति में बदलाव को मानने से किया इंकार

चंडीगढ़, 8 मई (हरकवलजीत सिंह) : मुख्यमंत्री पंजाब कैप्टन अमरेन्द्र सिंह द्वारा आज वीडियो कांफ्रैंस द्वारा ली गई पंजाब मंत्रिमंडल की बैठक जिस दौरान राज्य के आबकारी विभाग द्वारा बैठक दौरान ही आबकारी नीति में कुछ संशोधन के लिए प्रस्ताव लाया गया को मंत्रियों द्वारा यह कह कर रद्द कर दिया गया कि उनको आबकारी विभाग द्वारा बैठक दौरान पेश की गई इस तजबीज़ को पकड़ने व समझने के लिए समय चाहिए इसलिए यह मुद्दा विचार-विमर्श के लिए बैठक आगे डाल दी जाए। मुख्यमंत्री जोकि खुद आबकारी विभाग के मंत्री हैं को मंत्रियों के सख्त स्टैंड सामने यह एजैंडा पर विचार-विमर्श करने  के लिए कल दोबारा बैठक बुलाने का फैसला लेना पड़ा क्योंकि राज्य में शराब के ठेकेदारों द्वारा बीते गत डेढ़ महीने दौरान शराब के ठेके बंद रहने कारण सरकार से नीति में कुछ संशोधन की मांग की जा रही है व सरकार इसके प्रवानगी देने के लिए जल्दी में है तो जो आबकारी से हो रहे नुक्सान की जल्दी भरपाई हो सके। कुछ मंत्रियों का यह भी कहना था कि जब दूसरे कई राज्यों ने कोरोना के टकराव के लिए शराब की कीमतों में भारी वृद्धि की है तो पंजाब को वित्तीय संकट से निकलने के लिए ऐसा करने में भी इतराज है। मंत्रियों द्वारा यह मुद्दा अगली बैठक में विचार-विमर्श के लिए सख्त स्टैंड के बाद मुख्यमंत्री ने सभी मंत्रियों को कहा कि वह कल मुख्य सचिव व दूसरे सभी अधिकारियों के साथ सुबह 11 बजे पंजाब भवन में बैठक करने व आबकारी संशोधन पर कोई फैसला लेने के बाद उनको भी वीडियो कांफ्रैंस द्वारा बैठक में शामिल कर लिया जाए। आज बैठक में गैंगस्टर जग्गू भगवानपुरिया का कोरोना का 3 बार अलग-अलग टैस्ट आने के मुद्दे को लेकर स्वास्थ्य मंत्री स. बलबीर सिंह सिद्धू व मैडीकल शिक्षा मंत्री श्री ओम प्रकाश सोनी दरमियान काफी तीखी बहस हुई। जेल मंत्री स. सुखजिन्द्र सिंह रंधावा ने कोरोना संबंधी टैस्टों की भरोसेयोग्यता पर बड़े सवाल उठाए व कहा कि भगवानपुरिया का एक टैस्ट पॉजिटिव व 2 नैगेटिव आ गए हैं। उन्होंने कहा कि जो उससे ऐसा हुआ है तो आम लोगों के हो रहे टैस्टों पर कितना भरोसा किया जा सकता है। मंत्रियों द्वारा बैठक में इस बात पर भी जोर दिया गया कि राज्य में उद्योग क्षेत्र को जारी रखने के लिए प्रवासी मज़दूरों को पंजाब से वापिस जाने से रोका जाए नहीं तो इसका पंजाब के उद्योग पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ेगा व बहुत सारे उद्योगों के लिए काम करना भी मुश्किल हो जाएगा। बैठक के दौरान बताया गया कि राज्य सरकार द्वारा उद्योग क्षेत्र को छूट देने के बाद काफी उद्योग कार्यशील हो गई है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि जिन प्रवासी मज़दूरों द्वारा वापस के लिए रजिस्ट्रेशन करवाई गई है उनमें 35 प्रतिशत ने पंजाब में ही रुकने का फैसला लिया है। उन उद्योग विभाग को आदेश दिए है कि वह इस बात के लिए कोशिश करने कि अधिक से अधिक उद्योग कार्यशील होने व प्रवासी मज़दूरों को दोबारा काम मिल जाए तो जो उनको वापिस जाने के लिए मज़बूर न होना पड़े। मंत्रिमंडल द्वारा स्कूल शिक्षा विभाग के नॉन टीचिंग स्टाफ के लिए तबादला नीति को भी प्रवानगी दी जो अप्रैल 2020 से शुरू होने वाले अकादमिक सैशन के लिए लागू होगी। इस नीति तहत स्कूलों को 5 ज़ोनों में बांटा गया है व तबादला वर्ष में सिर्फ 1 बार हो सकेगा जो मैरिट आधारित साफ्टवेयर द्वारा किया जाएगा।