मंत्रिमंडल व मुख्य सचिव में पैदा हुए टकराव का मामला और उलझा

चंडीगढ़, 12 मई (हरकवलजीत सिंह) : पंजाब मंत्रिमंडल की गत दिवस यहां हुई बैठक के दौरान राज्य के मंत्रियों द्वारा प्रदेश के मुख्य सचिव के खिलाफ सर्वसम्मति से पारित किए गए प्रस्ताव के कारण जो टकराव की स्थिति पैदा हुई है, वह आज उस समय नई करवट ले गई जब कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा ने कैबिनेट मंत्री चरनजीत सिंह चन्नी के आवास पर जाकर कहा कि वह मुख्य सचिव के साथ पैदा हुए विवाद को निपटा लें नहीं तो मुख्यमंत्री उनके विरुद्ध एक महिला आईएएस अधिकारी की पुरानी शिकायत का मामला दोबारा खोल सकते हैं। चन्नी ने इस संबंधी अपने दूसरे साथी कई मंत्रियों के साथ हुई यह घटना साझा की और बाजवा को स्पष्ट किया कि मुख्य सचिव के विरुद्ध प्रस्ताव मंत्रिमंडल द्वारा सर्वसम्मति से किया गया है और यह मामला अब मुख्यमंत्री पर छोड़ दिया गया है जबकि उनके सहित दूसरे कई मंत्रियों ने मुख्य सचिव की शमूलियत वाली मंत्रिमंडल की किसी भी बैठक में शमूलियत न करने का ऐलान किया है। उन्होंने कहा कि सरकार उनके विरुद्ध जो कार्रवाई करना चाहती है करे। बाजवा द्वारा चन्नी को मनाने की कोशिश असफल रहने के बाद मुख्यमंत्री ने खुद भी सूचना के अनुसार चन्नी को फोन किया, लेकिन सूचना के अनुसार चन्नी ने मुख्यमंत्री को स्पष्ट किया कि पहले उनके विरुद्ध मामला दर्ज किया जाए जिस संबंधी तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा उन्हें धमकी देकर गए हैं। उन्होंने मुख्यमंत्री को कहा कि मंत्रिमंडल के सदस्यों ने मुख्य सचिव के मामले में सारा फैसला उन पर छोड़ दिया है अब वह देखें कि उन्हें मंत्रिमंडल की बैठक में मुख्य सचिव या मंत्रिमंडल के सदस्य चाहिएं। मुख्य सचिव करन अवतार सिंह द्वारा भी सूचना के अनुसार आज कई मंत्रियों को टैलीफोन किए गए जिनमें से अधिकतराें द्वारा उनका फोन उठाया ही नहीं गया। मुख्यमंत्री स्तर पर आज सारा दिन उनकी सरकार में उठे इस बवाल से निपटने के लिए विचार-विमर्श जारी रहे लेकिन इसका कोई हल नहीं हो सका।  मुख्यमंत्री के लिए दूसरी बड़ी चिंता यह है कि मंत्रियों द्वारा राज्य की आबकारी नीति के संशोधनों संबंधी मुख्यमंत्री को अधिकार देने के साथ जो शब्दावली  उपयोग की गई कि इन संशोधनों व नीति के लिए लाभ-हानि की ज़िम्मेदारी मुख्यमंत्री पर होगी।  पिछले तीन वर्षों में आबकारी विभाग द्वारा शराब की बिक्री से होने वाली आय संबंधी निर्धारित किए गए लक्ष्यों में जो अंतर 2000 से 2500 करोड़ तक पहुंचने की सम्भावना है, भी बड़ी चिंता का विषय है क्योंकि मंत्री व पार्टी कल को हुए इस नुक्सान के लिए मुख्यमंत्री को सीधा ज़िम्मेदार ठहराते हुए इसे एक बड़ा मुद्दा भी बना सकते हैं। मंत्रिमंडल के कई सदस्यों ने आज ‘अजीत समाचार’ को बताया कि कांग्रेस हाईकमान भी पंजाब में पैदा हुई इस स्थिति से काफी चिंतित नज़र आ रही है और पार्टी हाईकमान के वरिष्ठ सदस्य अहमद पटेल द्वारा कई मंत्रियाें को फोन कर सरकार में पैदा हुई इस टकराव वाली स्थिति पर जानकारी भी ली गई। 
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सुनील जाखड़ जोकि दिल्ली में हैं, से भी सूचना के अनुसार इस पूरे मुद्दे पर पूछताछ की जा रही है। मुख्यमंत्री अगर आगामी कुछ दिनों में इस टकराव वाली स्थिति को खत्म करने में सफल नहीं होते तो पार्टी हाईकमान भी इस संबंधी हस्तक्षेप कर सकती है।