मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों व विधायकों की सुनवाई करें : बाजवा

चंडीगढ़, 15 मई (हरकवलजीत सिंह): पंजाब प्रदेश कांग्रेस के पूर्व प्रधान व सांसद स. प्रताप सिंह बाजवा ने आज यहां ‘अजीत समाचार’ के साथ बातचीत करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री द्वारा जाने-अनजाने में जो प्राथमिक गलती की जा रही है वह यह है कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री के लिए निश्चित सरकारी निवास को छोड़ कर चंडीगढ़ के निकट जंगल में जाकर निवास कर लिया है, जिससे आम लोगों में यह प्रभाव जा रहा है कि उन्होंने सक्रिय राजनीति से सेवानिवृत्ति ले ली है। उन्होंने कहा कि देश के कुछ वैधानिक पदों पर सुशोभित व्यक्तियों के लिए सरकार द्वारा निवास अस्थान आरक्षित व निश्चित किए हुए हैं तथा मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह के पास तो 4 सरकारी कोठियां हैं। उन्होंने कहा कि सराकरी निवास छोड़ने के कारण मुख्यमंत्री, मंत्रियों, विधायकों, कांग्रेसी नेताओं व आम लोगों की पहुंच से बाहर चले गए हैं तथा अब उनको केवल कुछ चुनिंदा 4-5 अधिकारी ही मिलते हैं। उन्होंने कहा कि लोकतंत्रीय ढांचे में सरकारी निवास व कार्यालय की एक अपनी महत्ता व ज़रूरत है। उन्होंने कहा कि अमरीका जहां सबसे अधिक कोरोना के कारण मौतें हुई हैं तथा दो राष्ट्रपति भी रोज़ाना स्वयं पत्रकारों को मिलते हैं तथा बैठकें सम्बोधित कर रहे हैं लेकिन पंजाब में मुख्यमंत्री का आम लोगों से सम्पर्क केवल वीडियो कान्फ्रैंस तक ही रह जाने के कारण उनको निचले स्तर से तथा राज्य से मिलने वाली असल जानकारी समाप्त हो गई है जिससे सरकार लोगों की इच्छाओं व ज़रूरतों विरुद्ध फैसले ले रही है। उन्होंने कहा कि पंजाब में शराब घर-घर जाकर बेचने का मुख्यमंत्री द्वारा लिया गया फैसला उक्त परिस्थितियों का ही परिणाम है क्योंकि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों व विधायकों की राय नहीं सुन रहे। उन्होंने कहा कि पंजाब द्वारा राज्य में प्रवासी मज़दूरों को 20 मार्च से हुए लाकडाऊन के बाद राज्य में रक्षा व उद्योगपतियों उनके खाने, वेतन व स्वास्थ्य सेवाओं का प्रबंध किया लेकिन अब पौने 3 माह बाद जब राज्य में दोबारा फैक्टरियां चलने जा रही हैं तो सरकार द्वारा उक्त प्रवासी मज़दूरों को 35 करोड़ रुपए खर्च कर उनके पितरी राज्यों में भेजा जा रहा है जबकि इन मज़दूरों को वापस 20 मार्च को भेजा जाना चाहिए जो वह अब इंडस्ट्री दोबारा शुरू होने मौके वापस आ सकते। उन्होंने कहा कि उक्त लाखों मज़दूरों के अस्तित्व में उद्योग दोबारा कैसे चल पाएंगे जबकि इनमें से बहुत से मज़दूर कोई आम मज़दूर नहीं बल्कि तकनीकी तौर पर ट्रेंड व शिक्षित मज़दूर हैं। स. बाजवा ने कहा कि मैं समझता हूं कि मुख्यमंत्री को अपनी गलती सुधारते तुरंत सरकारी निवास में वापस लौटना चाहिए तथा कम से कम 5 दिन अपने सरकारी कार्यालय में भी बैठना चाहिए। उन्होंने कहा कि सारा विश्व शारीरिक दूरी रखते अपने कार्यालयों आदि से काम कर रहा है।