पंजाब को 50 हज़ार करोड़ के नुकसान की आशंका : कैप्टन

नई दिल्ली, 17 मई (भाषा) : पंजाब के मुख्यमंत्री अमरेन्द्र सिंह ने कहा है कि कोविड-19 लॉकडाऊन के कारण इस साल राज्य को 50,000 करोड़ रुपये का न्यूनतम नुकसान होने की आशंका है। इसके साथ ही उन्होंने राजस्व एकत्र करने के लिए कराधान के संबंध में कुछ कठोर फैसले किए जाने का संकेत दिया। कैप्टन ने एक साक्षात्कार में कहा कि शुरुआती अनुमान के अनुसार राज्य में करीब 10 लाख नौकरियों का नुकसान होगा और आर्थिक मोर्चे पर राज्य को हर महीने 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है। सिंह ने कहा कि कुछ विशेषज्ञों का अनुमान है कि जुलाई और अगस्त में कोरोना वायरस महामारी चरम पर होगी। ऐसे में पंजाब खुद को सबसे खराब स्थिति के लिए तैयार कर रहा है। उन्होंने कहा कि विदेश से प्रवासियों और भारतीयों की भारी संख्या में वापसी इस बीमारी के प्रबंधन के लिए प्रमुख चुनौती है। मुख्यमंत्री ने कहा कि बंद के कारण सिर्फ अप्रैल में हमें अपने अनुमानित राजस्व के 88 प्रतिशत का नुकसान हुआ। त्वरित अनुमानों के अनुसार, हमें हर महीने 3,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो रहा है और पूरे वर्ष में न्यूनतम 50,000 करोड़ रुपए का नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि वित्तीय स्थिति के अत्यंत गंभीर होने के मद्देनज़र उन्होंने पहले ही सभी गैर-अनिवार्य’ विभागों को खर्चों में कटौती करने और अपनी राशि का विवेकपूर्ण तरीके से प्रबंधन करने के लिए कहा है। उन्होंने नए कराधान उपायों का जिक्र करते हुए कहा कि स्वाभाविक रूप से, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है, इसलिए हमें कुछ कठोर निर्णय लेने होंगे। उन्होंने राज्यों के लिए तत्काल आर्थिक पैकेज की ज़रूरत पर जोर दिया और कहा कि परिवहन से आने वाला वैट या उत्पाद शुल्क, उत्पाद एवं सेवा कर (जीएसटी) नहीं मिल रहे हैं। सभी संसाधन सूख गए हैं।मुख्यमंत्री कैप्टन अमरेन्द्र सिंह ने कहा कि अगर केन्द्र सरकार कदम नहीं उठाती तो पंजाब का अनुमान है कि आने वाले समय में स्थिति और खराब हो जाएगी। उन्होंने कहा कि कर्फ्यू में छूट और मामलों में तेज़ी के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है तथा अभी सबसे बड़ी चुनौती अन्य राज्यों और भारत के बाहर से आ रहे लोगों की बड़ी संख्या है। उन्होंने कहा कि 22 मई तक, 10 उड़ानों से राज्य के लोगों को लाने की उम्मीद है और विदेश मंत्रालय के अनुमान के अनुसार कुल संख्या 20,000 है।