सड़कां ते दौड़ी रोडवेज़ दी लारी, किते मिली किते नहीं मिली सवारी

जालन्धर, 20 मई   ( जसपाल सिंह ): लगभग दो माह के बाद राज्य में बस सेवा पुन: शुरू हो गई है और राज्य की प्रमुख सड़कों पर रोडवेज की लारी एक बार फिर दौड़ती नज़र आई। बस सेवा पर लगी पाबंदियां हटने के बाद आज पहले दिन पंजाब रोडवेज, पैप्सू रोडवेज व पनबस की 150 के लगभग बसें चुनिंदा रूटों पर चलीं और पैप्सू रोड ट्रांसपोर्ट कार्पोरेशन (पैप्सू) द्वारा अकेले ही पहले दिन 80 के लगभग विभिन्न रूटों पर बसें चलाई गईं। बस सेवा शुरू होने से राज्य के बस अड्डों पर पिछले करीब दो माह से छाया सन्नाटा आज छट गया और बस अड्डों पर रौणक पुन: लौट आई। हालांकि बस अड्डों के अंदर बनी दुकानें अभी बंद पड़ी हैं परंतु सवारियों की आमद से बस अड्डों पर काफी देर बार चहल-पहल देखने को मिली। इस दौरान आज राज्य के विभिन्न ज़िलों हैडक्वार्टरों से चली यह बसें अपनी निर्धारित मंज़िल पर ही जाकर रुकीं और इन बसों को रास्ते में सवारियां चढ़ाने व उतारने की मनाही थी। बस सेवा शुरू होने से पहले दिन सवारियों की संख्या काफी कम रही और कई बस अड्डों पर जहां बसों को कई-कई घंटे सवारियों का इंतज़ार करना पड़ा वहीं सवारियों को भी बसों के  चलने के लिए घंटों तक गर्मी में बसों के चलने तक इंतज़ार करना पड़ा परंतु इसके बावजूद राज्य में बस सेवा पुन: शुरू होने का आम लोगों ने स्वागत किया। इस दौरान निजी बस आप्रेटरों को बसें चलाने की सरकार द्वारा बेशक पूरी छूट थी परंतु निजी बस आप्रेटरों ने सरकार से अपनी नाराज़गी ज़ाहिर करते हुए बसें चलाने से इन्कार कर दिया और राज्य में आज केवल सरकारी बसों का पहिया ही घूमा। इस सबके बीच राज्य सरकार द्वारा आज पहले दिन कुछ चुनिंदा रूटों पर बसें चलाई गईं और इन बसों में 50 प्रतिशत सवारियों को बिठाने की इजाज़त थी परंतु सवारियां कम होने के कारण कई स्थानों पर बसें 10 से 20 सवारियों के साथ ही अपनी मंज़िल के लिए रवाना हुईं। जालन्धर में भी बसों को सवारियों का इंतज़ार करना पड़ा और 10 बजे के लगभग पहली बस सवारियां लेकर रवाना हुई। जालन्धर से आज लुधियाना, अमृतसर, मोगा, मोहाली और पठानकोट सहित 6 के लगभग रूटों पर बसें चलीं। इस तरह अन्यों ज़िलों में भी सीमित रूटों के लिए बसें चलाने की आज्ञा थी और कुछेक स्थानों को छोड़कर अधिकतर  बस अड्डों पर सवारियों की संख्या काफी कम रही। इस संबंधी बात करते हुए पंजाब रोडवेज के डिप्टी डायरैक्टर आप्रेशन परनीत सिंह मिनहास ने बताया कि सरकार द्वारा शुरू की गई बस सेवा का आम लोगों को काफी लाभ हुआ है।
अधूरी तैयारी के साथ ही चलाई बसें
इस दौरान देखने में आया कि सरकार द्वारा बसें चलाने को हरी झंडी तो दी गई परंतु अधिकतर बस अड्डों पर सवारियों की सुविधा के लिए कोई खास प्रबंध नहीं किए गए, जिस कारण सवारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा।
सुबह 5 बजे ही बस अड्डे पर पहुंचे सवारियां
सरकार द्वारा बसें चालू करने का ऐलान तो कर दिया गया परंतु समय के बारे जानकारी न देने के कारण सवारियों को आज बस अड्डों में परेशान होना पड़ा। जालन्धर में तो अमृतसर व अन्यों शहरों को जाने वाली सवारियां सुबह 5 बजे के लगभग ही बस अड्डे आकर बैठ गई थीं परंतु सुबह 10 बजे तक भी बसें नहीं चल सकीं।
कोरोना संबंधी सावधानियों का नहीं रखा जा रहा पूरा ध्यान
बस अड्डों पर जिस तरह सरकार द्वारा कोरोना महामारी के मद्देनज़र सावधानियां बरतने के दावे किए गए थे, वह भी खोखले नज़र आए और अधिकतर बस अड्डों पर सवारियों के हाथ सैनेटाइज़ करवाने और उनके बुखार आदि की जांच करने के बजाय स्टाफ टिकटें काटने में  ही अधिक व्यस्त दिखाई दिए।
निजी बस आप्रेटरों द्वारा बसें चलाने से इन्कार
राज्य सरकार द्वारा राज्य में निजी बस सेवा चालू करने को भी स्वीकृति दे दी है परंतु कुछेक निजी बस आप्रेटरों को छोड़कर अधिकतर निजी बस आप्रेटरों ने बसें चलाने से इन्कार कर दिया। बताया जा रहा है कि सरकार द्वारा बसें चलाने संबंधी जारी शर्तें निजी आप्रेटर मानने को तैयार नहीं हैं और ऐसे में हाल ही घड़ी में निजी बसों को लेकर विवाद बरकरार है। निजी बस आप्रेटर व पंजाब मोटर यूनियन के नेता सरबजोत सिंह लाली ने कहा कि एक तो सरकार द्वारा निर्धारित रूटों पर ही केवल 50 प्रतिशत सवारियों के साथ बसें चलाए जाने और रास्ते से सवारी चढ़ाने की मनाही की शर्त लगाई गई है, दूसरा सवारियों व बसों के सैनेटाइजेशन के खर्च का बोझ भी बस आप्रेटरों पर डाला जा रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा टैक्स 52 सीटों का लिया जाता है और अब उनको केवल 25 सवारियां बिठाने की इजाज़त है और ऐसे में वह अपना घाटा किस तरह पूरा करेंगे।