पलायन कर रहे मज़दूरों को लेकर केन्द्र व राज्यों से जवाब तलब

नई दिल्ली, 26 मई (भाषा): उच्चतम न्ययायालय ने कोविड-19 लॉकडाउन के कारण देश के विभिन्न हिस्सों से फंसे प्रवासी कामगारों की परेशानियों का मंगलवार को स्वत: ही संज्ञान लिया। न्यायमूर्ति अशोक भूषण, न्यायमूर्ति संजय किशन कौल और न्यायमूर्ति एम.आर. शाह की पीठ ने कामगारों की परेशानियों का संज्ञान लेते हुए केन्द्र, राज्य सरकारों और केन्द्र शासित प्रदेशों से 28 मई तक जवाब मांगा है। इन सभी को न्यायालय को बताना है कि इस स्थिति पर काबू पाने के लिए उन्होंने अभी तक क्या कदम उठाये हैं। शीर्ष अदालत ने सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता से कहा है कि वह इस मामले में न्यायालय की मदद करें। न्यायालय कामगारों से संबंधित इस मामले में 28 मई को आगे विचार करेगा। 
वहीं, ऋण स्थगन की अवधि में कर्ज पर ब्याज के खिलाफ याचिका पर केन्द्र व आरबीआई को नोटिस : उच्चतम न्यायालय ने कोरोना वायरस महामारी की वजह से कर्ज की अदायगी में छूट की अवधि के लिए ब्याज पर लेवी की मांग को चुनौती देने वाली याचिका पर मंगलवार को केन्द्र और भारतीय रिजर्व बैंक से जवाब मांगा।  कोविड-19 की वजह से कर्ज की अदायगी में छूट की अवधि को अब 31 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है। सुनवाई के दौरान केन्द्र और आरबीआई को नोटिस जारी किए और उन्हें एक सप्ताह के भीतर जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया।