उद्योग व कृषि क्षेत्र को मज़दूरों की कमी खलने लगी

लुधियाना, 28 मई (पुनीत बावा): कोरोना महामारी-कोविड-19 को काबू करते प्रवासी मज़दूरों की बड़े स्तर पर घर वापसी देश के लिए बड़ी मुसीबत बन कर सामने आने लगी है। देश में लाकडाऊन के दौरान जल्दी से शुरू हुई प्रवासी मज़दूरों की घर वापसी राजनीति का शिकार होने, पश्चात् 3543 विशेष श्रम ट्रेनों द्वारा अब तक 50 लाख मज़दूर अपने घरों में पहुंचे चुके हैं, जबकि केन्द्र सरकार 1 जून से 200 रेलगाड़ियां और चलाने का ऐलान कर चुकी है। पंजाब में प्रवासी मज़दूरों को उनके घर भेजने की कार्रवाई दूसरे राज्यों से तेज़ है। पंजाब में 12 लाख से अधिक प्रवासी मज़दूरों ने वापस जाने के लिए आनलाईन अप्लाई किया था, परन्तु 27 दिनों की तेज़ रफ्तार से वापसी के बाद प्रवासी मज़दूरों ने वापस जाने की इच्छा त्यागनी भी शुरू कर दी है। 5 लाख के लगभग मज़दूरों के वापस लौटने के बाद अब इंतजार सूची से रेलें न भरी जा सकने कारण वापस भेजने के लिए प्रवासी मज़दूरों को बिना इंतजार सूची से रेलवे स्टेशन पहुंचने का खुला न्यौता दे दिया गया है। वापसी का मोह टूटने का कारण कारखनों द्वारा काम शुरू करने व बढ़ती गर्मी के कारण बिहार, यू.पी. की तपश के अलावा खास कर उत्तर प्रदेश जिसके बारे देश में 25 लाख के लगभग मज़दूर वापस पहुंच चुके हैं। विभिन्न उद्योग संगठनों द्वारा मुफ्त की रेलें बंद करने की मांग से उलट पंजाब सरकार तेज़ी से अपने राज्य में मज़दूरों को भेजने की तेज़ी दिखा रही है, परन्तु तेलंगाना सहित कई राज्य सरकारों द्वारा प्रवासी मज़दूरों को रोकने के लिए हर तरह की राहत देने का ऐलान किया जा रहा है। आर्थिक विशेषज्ञों का कहना है कि प्रवासी मज़दूरों की कमी के कारण पंजाब का उद्योग व कृषि क्षेत्र बुरी तरह प्रभावित होगा। दूसरी ओर कृषि क्षेत्र में धान लगाने में मज़दूरी की कमी अगले महीने से धान की रोपाई दौरान बड़ा संकट खड़ा कर देगी। ऐसे हालातों में पंजाब में मज़दूरों की कमी पूरी करने के लिए एक बड़ी समस्या सरकार के सामने आ जाएगी।
पंजाब व महाराष्ट्र मज़दूरों को घर भेजने के लिए उतावले 
विभिन्न राज्यों से 50 लाख से अधिक मज़दूर अपने घरों को वापस जा चुके हैं, सबसे अधिक वापसी यू.पी. में हो रही है और अब तक 25 लाख से अधिक मज़दूर वहां पहुंच चुके हैं, मज़दूरों की बड़ी शक्ति को देखते हुए यू.पी. के मुख्यमंत्री द्वारा मज़दूरों को वापस भेजने के लिए शर्तें रखनी शुरू कर दी गई हैं। पंजाब व महाराष्ट्र के अलावा कोई भी राज्य सरकार मज़दूरों को भेजने के लिए उतावली नहीं है।
रेलगाड़ियां भरने के लिए मज़दूरों को खुला न्यौता
पंजाब की उद्योग राजधानी लुधियाना से मज़दूरों की वापसी कम होने लगी है। मज़दूरों के वापस जाने के लिए बनी इंतज़ार सूची को परे करते हुए ज़िला प्रशासन ने वापसी के लिए रेलगाड़ियां भरने के लिए खुला न्यौता देना शुरू कर दिया है।