घड़ी के पाबंद हैं ये पौधे
वैसे तो समय की कीमत हम सभी जानते हैं, परन्तु इस कीमत को हम मनुष्यों के अलावा वनस्पति जगत के कुछ पौधे भी पहचानते हैं तथा अपनी ‘दिनचर्या’ में उसी के अनुसार ‘व्यवहार’ करते हैं।ऐसा ही एक समय का पाबंद पौधा है ‘इलैवन ओ-क्लॉक-लेडी’ अर्थात्, ‘ग्यारह बजे वाली स्त्री।’ इस पौधे का नाम उन अमीर महिलाओं की आदत पर रखा गया है जो ग्यारह-बारह बजे से पहले सो कर उठती ही नहीं। भले ही वे महिलाएं उठने में ग्यारह के भी बारह बजा देती हों परन्तु यह पौधा ऐसा नहीं करता। इसके फूल ठीक ग्यारह बजे ही खिलते हैं, न ग्यारह से पहले और न ही ग्यारह के बाद, यानी देर से उठने वाली महिलाओं के हिसाब से बिल्कुल उपयुक्त पौधा।इस ‘इलैवन-ओ-क्लॉक-लेडी’ नामक पौधे का एक दूसरा नाम भी प्रचलित है और वह ‘स्टार ऑफ वेथलेहम’ अर्थात् ‘वेथहेलम का सितारा’। इस पौधे पर खूब हरियाली-खुशहाली होती है तथा इसके फूलों का रंग मटमैला-धूसर या बादामी होता है जिनके ऊपर रंगत ठीक ग्यारह बजे से ही आनी शुरू होती है।‘इलैवन-ओ-क्लॉक-लेडी’ का पौधा जहां अपनी सुस्ती के लिए प्रसिद्ध है, वहीं चीन, जापान में पाया जाने वाला पौधा ‘गोट्स बीयर्ड’ अर्थात् ‘बकरे की दाढ़ी’ इतना चुस्त है कि यह किसी के उठने का इंतजार ही नहीं करता और सुबह-सवेरे ठीक चार बजे इसके फूल खिलकर मुस्कराने लगते हैं लेकिन जितने जल्दी इसके फूल खिलते हैं, उतने ही जल्दी बंद भी हो जाते हैं यानी ठीक बारह बजे। समय के अनुरूप व्यवहार करने वाले तथा समय की कीमत पहचानने वाले पौधों में ही एक पौधा ‘सूरजमुखी’ अर्थात् ‘सनफ्लावर’ भी है। यह पौधा थोड़ा ‘पुरातनवादी’ है यानी यह पौधे अपने समय का निर्धारण सूरज से करता है। आधुनिक घड़ियों की, उनके समय की इसे कोई चिंता नहीं रहती और एक तरह से यह पौधा सूरज को ही अपनी घड़ी मानता है तथा उसी के साथ-साथ चलता है। जैसे ही सूरज निकलता है, वैसे ही उसके सुसुप्त फूल खिलकर उसकी ओर मुख कर लेते हैं मानो कह रहे हों ‘सूरज देव धन्यवाद’। आपने हमें जगा दिया।