अमरीका का नाम कोलम्बस पर क्यों नहीं पड़ा ?

‘अमरीका की खोज जब कोलंबस ने की तो फिर उसका नाम कोलंबस के नाम पर क्यों नहीं रखा गया?’
‘इसमें दो बातें शामिल हैं- एक, तो यही कि अमेरिका का नाम कोलंबस के नाम पर क्यों नहीं पड़ा। दूसरा यह कि उसका नाम किसी दूसरे पर क्यों रखा गया।’
‘हां, यह बात भी है।’
‘यह तुम जानते ही हो कि कोलंबस एशिया के लिए पश्चिमी रूट की तलाश में निकले थे और उन्होंने सोचा कि इसमें उन्हें सफलता हासिल हो गई है। लेकिन वास्तव में उन्होंने सिर्फ  सैन साल्वाडोर, क्यूबा व हिस्पनिओल की ही खोज की थी। इसका अर्थ यह नहीं है कि उनकी खोजों और महान साहस का कोई महत्व नहीं है, लेकिन इससे कुछ समस्याएं उत्पन्न हुईं।’
‘वह क्या?’
‘चूंकि उन्होंने भारत की रईसी की खोज नहीं की थी, इसलिए उनकी यात्रा पर शक किया जाने लगा। स्पेन व
पुर्तगाल के शासक यह सवाल उठाने लगे कि कोलम्बस ने कौन-सी भूमियों की तलाश की है। यह भी सवाल थे कि
इनमें से कौन-सी जगह स्पेन की है और कौन-सी पुर्तगाल की।‘
‘फिर क्या हुआ?’ ‘यह तय करने के लिए अमेरिगो वेस्पुच्ची नामक व्यक्ति को भेजा गया। उसने अपने पत्रों में अपनी दो समुद्री यात्राओं
का वर्णन किया, जो उसने उस तट तक की थीं जिसे आज दक्षिण अमरीका कहा जाता है। इस भूमि के अपने विवरण में
उन्होंने कहा था कि जो उन्होंने देखा है वह महाद्वीप प्रतीत होता है।‘
‘इसका क्या मतलब हुआ?’ ‘यही कि अमेरिगो जानता था कि वह भूमि एशिया का हिस्सा नहीं है बल्कि एक नया महाद्वीप है। 1507 में एक
भूगोलशास्त्री मार्टिन वाल्डसीमुलर ने नये महाद्वीप को दर्शाते हुए एक नक्शा जारी किया। उसके साथ उन्होंने एक पैम्फलेट भी जारी किया, जिसमें उन्होंने प्रस्ताव रखा कि इसका नाम इसके खोजकर्ता अमेरिकस के नाम पर अमरीका रखा जाये।’ ‘यानी पैम्फलेट में अमरीगो का नाम बिगाड़कर अमरीकस हो गया था और उससे अमरीका नाम पड़ा।’ ‘हां, जनता ने इस नाम को तुरंत स्वीकार कर लिया और इसे इतना पसंद किया कि उत्तरी अमरीका के लिए भी इसका  प्रयोग किया जाने लगा। वाल्डसीमुलर ने अमेरिगो के नाम पर ‘अमरीका’ नाम इसलिए प्रस्तावित किया था क्योंकि उन्हें लगता था कि अमेरिगो ने ही नये महाद्वीप का होना साबित किया था।’ -इमेज रिफ्लेक्शन सेंटर