बेमौसमी बरसात से उपजा है टिड्डी दल

पाक आयातित टिड्डियों ने लगभग पूरे राजस्थान में अपने होने के निशान छोड़े हैं। टिड्डियां रह रह कर लाखों के झुण्ड में आ जा रही हैं। सीमा पर चौकसी के बावजूद टिड्डियों से राजस्थान का आसमान और धरती आच्छादित हो जाते हैं।  सरकार राज्य सभा चुनाव में व्यस्त होकर सात सितारा होटल में डेरा डाले हुए है और टिड्डियां खेतों को नष्ट करने पर तुली हैं। हालांकि अब ड्रोन से टिड्डियों को भगाने का रास्ता ढूंढा गया है। सम्पूर्ण देश इस समय अपनी पूरी ताकत झोंक कर कोरोना वायरस से उपजी महामारी का मुकाबला करने में लगा है। इस दौरान टिड्डी दलों के हमलों ने किसानों की परेशानियों को कई गुना बढ़ा दिया है। पाकिस्तान से चले टिड्डी दल ने राजस्थान में कोहराम मचाया। टिड्डियों के आतंक से किसान परेशान हैं। पिछले साल भी राजस्थान के सीमावर्ती जिलों में टिड्डी दल ने किसानों की फसलों को काफी नुकसान पहुंचाया था। कोरोना के साथ-साथ टिड्डी दल के इस हमले ने राजस्थान सरकार की मुसीबत और बढ़ा दी। पहले कोरोना महामारी में किसानों को भारी नुकसान हुआ लेकिन अब असंख्य टिड्डियों के दलों ने किसानों की चिंता और बढ़ा दी है। किसान घर के बर्तन बजाकर टिड्डियों को भगाते हैं।  संयुक्त राष्ट्र संघ के खाद्य एवं कृषि संगठन ने इस साल बड़े पैमाने पर टिड्डी के हमले की आशंका जताते हुए पिछले साल की तुलना में दो से तीन गुना अधिक प्रकोप की चेतावनी दी। विशेषज्ञों की गहन पड़ताल में पाया कि टिड्डियों का जो हमला हो रहा है, उसमें बदलाव आया है और इसका संबंध बेमौसम की बरसात से है। ऐसा न केवल भारत बल्कि टिड्डियों के दूसरे जन्मस्थानों लाल सागर से लेकर अरब उपद्वीप, इरान और राजस्थान में भी हो रहा है। टिड्डी दल बहुत तेजी से विकसित होते हैं। टिड्डियों के एक औसत झुंड में 80 लाख तक टिड्डी होते हैं जो एक दिन में 2500 आदमी या 10 हाथी जितनी फसल खा सकते हैं, ठीक उतनी फसल निगल जाते हैं। पहले प्रजनन में टिड्डी 20 गुना तक बढ़ जाती हैं। दूसरे प्रजनन में 400 गुना और तीसरे प्रजनन में 16 हज़ार गुना तक बढ़ जाते हैं।  इसे लघुश्रृंगीय टिड्डा भी कहते हैं। विश्व में इसकी केवल छह जातियां पाई जाती हैं। यह प्रवासी कीट है और इसकी उड़ान दो हजार मील तक पाई गई है। बताया जाता है कि टिड्डियों के दलों के खेत पर आक्रमण करने से खेत को भारी नुकसान होता है। खेत के अंदर कुछ नहीं बचता। एक कीट अपने वजन के बराबर फसल खा जाता है। इसका वजन 2 ग्राम होता है। एक छोटा सा टिड्डी दल एक दिन में उतनी खाद्य सामग्री खा जाता है जितनी 3000 हज़ार इन्सान खा सकते हैं। लेकिन टिड्डे की उम्र कोई ज्यादा नहीं होती है। ये 4 से 5 महीने ही जीवित रह पाते हैं। इन कीटों की सबसे बड़ी खास बात यह है कि ये हवा के अंदर 150 किलोमीटर एक सांस में उड़ सकते हैं। हिंद महासागर को पार करने के लिए इनको 300 किलोमीटर की दूरी पार करनी होती है।

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