कैसा हो बच्चों के साथ आपका व्यवहार

आज के वैज्ञानिक युग में बच्चों के साथ बरताव करना मां-बाप के लिए एक बड़ी चुनौती बनता जा रहा है। वैसे आजकल अधिकांश माताएं भी कामकाजी होती हैं और इसके चलते बच्चे को पिता के साथ-साथ मां के साथ भी वक्त बिताने का मौका नहीं मिलता लेकिन व्यस्त होने के बावजूद माता-पिता की यही कोशिश रहती है कि वे अपने बच्चे को ऐसा वातावरण प्रदान करें, जिससे उसका भविष्य सुखद हो।
बच्चे के सुखद भविष्य का सपना मन में लिए वे अपने बच्चे के साथ अच्छा व्यवहार करने की कोशिश में रहते हैं, उसे स्वस्थ माहौल देने का प्रयास करते हैं पर उनके इन प्रयासों के बावजूद कई बार बच्चे उद्दंड हो जाते हैं। ऐसी स्थिति में माता-पिता यह समझ ही नहीं पाते कि वे क्या करें, किस प्रकार का व्यवहार बच्चे के साथ करें कि वह उनकी बातों को समझे। आइए इसे जानें कुछ मुख्य बिंदुओं द्वारा:-
* अपने बच्चे को अनुशासन में लाने हेतु सामान्य नियम बनाएं। बच्चे को बताएं कि उसे क्या करना चाहिए और क्या नहीं। 
* अगर आप बच्चे के व्यवहार पर क्र ोधित हुए हों तो पांच मिनट बाद जब आपका गुस्सा शांत हो जाएं तो सोचें कि आपको क्र ोध क्यों आया और वास्तविक कारण जान लेने पर शांति से उसका निदान सोचें।
* यदि आप किसी कारणवश घुटन महसूस कर रही हों या क्र ोधित हों तो बच्चों पर इसे न निकालें। बच्चों से अपनी इन भावनाओं को संभवत: दूर ही रखें। ऐसे में कभी बच्चों के साथ अकेली न रहें क्योंकि आप चाहते हुए भी बच्चों से अच्छा व्यवहार नहीं कर पाएंगी।
* गुस्से में बच्चों के लिए अपशब्दों का प्रयोग कदापि न करें। कभी भी दूसरे के समक्ष अपने बच्चों को नीचा दिखाने की कोशिश न करें। अगर वे नियमों का उल्लंघन करते हैं तो उन पर नहीं बल्कि उनकी गलती पर गुस्सा जताएं और उन्हें बताएं कि उन्होंने क्या गलत किया है।
* बच्चों से उनके विचार, भावनाएं व जिन बातों से उन्हें परेशानी होती है, जानने की कोशिश करें और उन्हें विश्वास दिलाएं कि आप उनकी हर खुशी व परेशानी में उसके साथ हैं।
* बच्चे को बताएं कि अगर वह अपने माता-पिता से बातें छुपाएगा तो उसे कई समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। एक दोस्त की भांति उससे व्यवहार करेंगे तो वह आपको अपने सीक्रेट बताने से झिझकेगा नहीं।
* अपनी छोटी-छोटी बातें, जो आप बच्चे से शेयर कर सकती हैं, अवश्य करें। स्वाभाविक है कि वह भी आपसे अपनी बातें शेयर करने लगेगा। (उर्वशी)