ज़रूरतमंदों को बड़ी राहत

कोरोना महामारी के संकट में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कई बार देश-वासियों को सम्बोधित किया है। इन भाषणों में उन्होंने इस महामारी का मुकाबला करने के लिए कई प्रकार की पाबंदियों की घोषणा की, मुसीबतों में फंसे लोगों को ढाड्स बंधाया। राहत के लिए कई प्रकार के आर्थिक पैकेज भी घोषित किये तथा इस महामारी का मुकाबला मिल कर करने की प्रेरणा भी दी, परन्तु इस दौरान की गई तालाबन्दी के दृष्टिगत देश भर में बड़ी सीमा तक काम-धन्धे चौपट होकर रह गये। पहले ही भारी संख्या में ़गरीबी एवं बेरोज़गारी में फंसे लोगों की संख्या में और वृद्धि हो गई। करोड़ों कामगर अपने-अपने घरों को लौटने के लिए उतावले हो गये। ज़रूरतमंद लोगों को रोटी के लाले पड़ गये।
केन्द्र सरकार, राज्य सरकारों और समाज सेवी संस्थाओं ने अन्न के इस संकट के कम करने के लिए अपनी पूरी शक्ति लगाई परन्तु इसके बावजूद उत्पन्न हुई कमियों के दृष्टिगत ये यत्न आधे-अधूरे ही रह गये। इसी समय के दौरान बहुत-से अन्य पैकेज भी घोषित किये गये। प्रधानमंत्री की ओर से की गई ताज़ा घोषणा भी पिछली घोषणाओं की एक कड़ी है जिसमें उन्होंने आगामी समय में इस महामारी के दृष्टिगत लोगों को अधिक सचेत होने के लिए कहा है, क्योंकि यह बात सभी की समझ में आ गई है कि इस बीमारी के रहते हुये सार्वजनिक गतिविधियों को पूरी तरह बंद किया जा सकता क्योंकि इस प्रकार ही जीवन का और आर्थिकता का चक्र चलता रह सकता है। इस सन्दर्भ में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने ़गरीब कल्याण अन्न योजना की कड़ी को आगे बढ़ाने की महत्त्वपूर्ण घोषणा की है। उन्होंने कहा है कि सरकार समेत सभी का यह यत्न रहा है कि देश में कोई भूखा न रहे। इसलिए पहले तीन महीने के लिए 80 करोड़ लोगों को पांच किलो गेहूं अथवा चावल और एक किलो दाल देने की जो घोषणा की गई थी, उसे पांच महीने के लिए और आगे बढ़ा दिया जाएगा। घोषित हुई यह योजना अब जुलाई से नवम्बर के महीने तक जारी रहेगी। इस पर 90 हज़ार करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसके साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में रोज़गार के लिए मगनरेगा योजना का विस्तार भी किया गया है। उन्होंने यह भी बताया कि पिछले तीन महीनों में 20 करोड़ परिवारों के जन-धन खाते में सीधे 31 हज़ार करोड़ रुपये जमा करवाये गये हैं तथा 9 करोड़ किसानों के बैंक खातों में 18 हज़ार करोड़ रुपये जमा किये गये हैं।
हम प्रधानमंत्री की ओर से हाशिये पर पहुंचे लोगों के लिए घोषित की गई इन योजानओं का स्वागत करते हैं परन्तु आगामी समय में देश के समक्ष अनेक अन्य ऐसी चुनौतियां खड़ी होंगी, जिनका पूरी दृढ़ता के साथ निरन्तर मुकाबला किया जाना आवश्यक होगा। इनमें से सबसे बड़ी समस्या निरन्तर बढ़ रही बेरोज़गारी की है, जो देश के लिए बहुत बड़ा अभिशाप बन कर सामने आने वाली है। वर्तमान में इसे हल करने का कोई मार्ग दिखाई नहीं देता, परन्तु इस मामले का हल प्रत्येक सम्भव ढंग से किया जाना बहुत ज़रूरी है ताकि समाज की गति निर्बाध रूप से आगे बढ़ती रहे तथा इसकी बेचैनी में और वृद्धि न हो। इस हेतु केन्द्र एवं प्रदेश सरकारों को मिल कर बड़े यत्न करने पड़ेंगे।
—बरजिन्दर सिंह हमदर्द