एक हाथ से विकलांग पर अन्तर्राष्ट्रीय फुटबॉलर हैं अनिल कुमार केरला

अनिल कुमार केरला का जन्म 1 जनवरी, 1979 को केरला में हुआ और जब उनका जन्म हुआ तो पूरे परिवार खुशी में झूम उठा परन्तु जन्म के समय जब परिवार ने देखा कि उसका बायां हाथ पूरी तरह से सिकुड़ा हुआ था तो पूरा परिवार एक बार उदास हो गया परन्तु इसके बावजूद भी परिवार ने अनिल कुमार का खुशी से पालन-पोषण शुरू किया और उसको गोपाल कृष्णा स्कूल में पढ़ाई हेतु दाखिल करवा दिया और अनिल कुमार स्कूल में एक हाथ के नाम से जाने लगा। एक हाथ से विकलांग होने के बावजूद भी उन्होंने अपना झुकाव खेलों की तरफ केन्द्रित कर लिया और जल्दी ही वह खेलों में इनाम जीतने लगा और स्कूल का वह लोकप्रिय विद्यार्थी बन गया। प्राइमरी में पढ़ने के बाद उन्होंने सैंट जोसफ हाई स्कूल में दाखिला ले लिया और वहां भी उन्होंने अपनी खेल गतिविधियों को जारी रखा और बैडमिंटन, फुटबॉल और वालीबॉल में एक ही समय में भाग लेते और स्कूल स्तर पर उन्होंने ज़िला और स्टेट स्तल पर कई जीत दर्ज करवा कर अपना और अपने स्कूल का नाम रौशन किया। कालेज में दाखिला लिया तो वहां कोई भी खेल गतिविधि न होने के कारण वह निराश तो हुए परन्तु उन्होंने हिम्मत और हौसला न छोड़ा, क्योंकि उनका सपना था कि वह एक दिन देश के अच्छा खिलाड़ी बनेंगे और इस मुकाम पर पहुंचने के लिए वह हर कदम यत्नशील थे परन्तु अचानक उनके पिता की मौत हो गई और पूरे घर की ज़िम्मेवारी अनिल कुमार के कंधों पर आ गई और घर का गुज़ारा चलाने के लिए उनको छोटी-मोटी नौकरी करनी पड़ी परन्तु उनका वास्तविक लक्ष्य एक अच्छा और दमदार खिलाड़ी बनने का था। उनको पता लगा कि फिज़ीकल चैलेंजड अृल स्पोर्ट्स एसोसिएशन बनी हुई है जहां विकलांग नौजवानों को पैरा खेलों के लिए तैयार किया जाता है और वह एसोसिएशन को चला रहे किशोर जी को मिले और उनको विकलांग पैरा फुटबॉल टीम के लिए अपना ट्रायल दिया जहां वह फुटबॉल टीम के लिए चुने गए और शीघ्र ही वह अपनी मेहनत से भारतीय टीम का भी हिस्सा बन गए और किशोर जी के यत्नों से उनकी टीम कीनिया खेलने के लिए गई जहां उन्हें जीत प्राप्त की और अनिल कुमार की खुशी का कोई ठिकाना न रहा। जल्दी ही अनिल कुमार की फुटबॉल टीम ने अफ्रीकन कप में हिस्सा लिया जहां उनकी टीम रनप-अप रही। अनिल कुमार अपनी टीम के साथ मलेशिया में होने वाले एम.ए.एफ.ए. इंटरनैशनल फुटबॉल कप की तैयारी बड़े ज़ोर-शोर से कर रहे हैं। अनिल कुमार इन सब का श्रेय वह किशोर जी को देते हैं जिन्होंने उनको हर पल उत्साहित किया है। 

-मो.- 98551-14484