बच्चों को बचाएं बोन फ्रेक्चर से

बरसात के मौसम में फिसलन होना आम बात है। बच्चे कुछ ज़्यादा ही उछल-कूद करते हैं अत: उनका गिरना और गिरने पर बोन फ्रेक्चर होना भी स्वाभाविक है जो न केवल अत्यंत पीड़ादायक होता है अपितु इससे उनकी पढ़ाई पर भी बुरा असर पड़ता है। यदि हम कुछ सावधानियाँ रखें तो इस प्रकार की दुर्घटनाओं से बचा जा सकता है।
बरसात के दिनों में छत पर अथवा खुली बालकनी में लगातार पानी बरसने से काई जम जाती है जो अत्यंत फिसलन भरी होती है अत: ऐसे स्थानों पर जाते समय पूरी सावधानी रखनी चाहिए। बरसात में चिकनी मिट्टी भी अत्यधिक फिसलन भरी हो जाती है अत: गीली चिकनी मिट्टी पर चलते वक्त विशेष सावधानी बरतनी चाहिए।
 * बर्फ़ के टुकड़े तथा ओले भी फिसलन उत्पन्न करते हैं। सपाट-चिकने फ़र्श पर यदि ओले गिरे हों तो उस पर कभी नहीं चलना चाहिए। किचन में कई बार बर्फ़ के टुकड़े या आइसक्यूब बिखर जाते हैं जिनसे किचन का फ़र्श गीला ही नहीं, फिसलनयुक्त भी हो जाता है अत: ऐसे टुकड़ों को फ़ौरन हटाकर फ़र्श साफ कर देना चाहिए।
* कई बार फ़र्श पर फैली कुछ चीज़ें भी फिसलने का कारण बन जाती हैं जैसे कंचे अथवा गोल आकार के साबुत दालों जैसे ठोस बीज। इन पर पैर आने से गिरना लाज़िमी है अत: फ़र्श को साफ रखना चाहिए और यदि इस प्रकार की चीज़ें बिखरी हों तो देखकर सावधानीपूर्वक चलना चाहिए।
* जिन स्थानों पर प्राय: पानी टपकता रहता है अथवा अन्य कारणों से गीला रहता है वहाँ भी काई जमने से फिसलन पैदा हो जाती है अत: ऐसे स्थानों पर पानी के रिसाव को रोकने का उपाय करना चाहिए।
* यदि पानी के नल टपक रहे हों तो उनके वाशर आदि बदलवा देने चाहिएँ। इससे न केवल अमूल्य जल का दुरुपयोग रुकेगा अपितु संभावित दुर्घटनाओं से भी सुरक्षा मिलेगी।
* इसके अतिरिक्त हम सामान्य अवस्था में भी निम्नलिखित सावधानियाँ रखकर बच्चों को बोन फ्रेक्चर से बचा सकते हैं:
* बाहर आने से पहले बाथरूम के फ़र्श को साफ करके बाहर आएँ।
* जब भी नहाएँ या कपड़े धोएँ, साबुन को ठीक स्थान पर रखें।
* साबुन के छोटे-छोटे टुकड़ों को भी फ़र्श से बिलकुल साफ कर दें।
* साबुन को फ़र्श पर रखने की बजाय साबुनदानी में ही रखें।
* किचन के फ़र्श को भी चिकनाई और गीलेपन से मुक्त रखें।
फलों के छिलके सड़क पर अथवा गली में नहीं, घर में रखे डस्टबिन में डालें।
* केले खाने के बाद छिलके फ़र्श पर डालने की बजाए सीधे किसी प्लेट में रखें तथा बाद में डस्टबिन में डाल दें।
* सफ़र के दौरान पहनने के लिए उचित प्रकार के कपड़ों और जूतों का चुनाव करें।
* बच्चों की हड्डियाँ मज़बूत बनें, इसके लिए उन्हें पर्याप्त मात्रा में दूध तथा कैल्शियमयुक्त भोजन दें।
* दौड़ते या व्यायाम करते समय शरीर का संतुलन बनाए रखें।
* बच्चों को चोट और पीड़ा से बचाने के लिए उन्हें यथासंभव उचित परिवेश उपलब्ध कराना हम सब का ही दायित्व है अत: हम सदैव सचेत रहें और दुर्घटना होने पर फौरन मदद के लिए आगे आएँ।

(स्वास्थ्य दर्पण)