मधुमेह में पैर मांगते हैं उचित देखभाल

मधुमेह रोग आज के युग में साधारण रोग बनता जा रहा है। आधुनिक शहरी जीवन शैली ने इस रोग को जन्म दिया है। बच्चे भी इस रोग से ग्रस्त होने लगे हैं। मधुमेह रोगियों को कोई भी चोट लगने पर, फोड़ा फुंसी होने पर उन्हें ठीक होने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है और बहुत देर तक बीमारी उनका आसानी से पीछा भी नहीं छोड़ती। यदि आप मधुमेह से पीड़ित हैं तो अपने पैरों के लिए सतर्क रहें ताकि आपके पैर आपका जीवन पर्यन्त साथ दें:- 
*  पैरों को हमेशा सूखा व साफ रखें। पसीने वाली जुराब को उतार कर सूखी जुराबें पहनें। विशेषकर मानसून के मौसम में अपनी उंगलियों के बीच पानी न रहने दें। आवश्यकता होने पर जुराबों को उतार कर पैरों और उंगलियों को सूखे तौलिए से साफ कर दूसरी जुराब पहनें या कुछ समय के लिए पैरों को हवा लगने दे।
*  खून में अनियंत्रित शुगर पैरों के लिए खतरनाक होती है। समय-समय पर जांच करवाते रहें और विशेषज्ञ अनुसार दवा का सेवन करें और खाने में परहेज रखें।
*  सर्दी के मौसम में अपने पैरों को ठंड से बचा कर रखें। पैरों को गर्म जुराबों से कवर रखें और बंद जूते पहनें। पैरों को कभी भी सीधी आग पर रखकर उनकी सिंकाई न करें।
* धूम्रपान का सेवन मधुमेह रोगियों को नहीं करना चाहिए, न ही मधुमेह रोगियों को कोई भी मादक द्रव्य लेने चाहिए। इन सब चीजों का सेवन रोग नियंत्रण रखने में बाधा पहुंचाते हैं। किसी भी प्रकार के घाव पर पैर होने की स्थिति में डॉक्टर से शीघ्र परामर्श करें और इलाज प्रारम्भ कर दें।
*  पैरों में पसीना अधिक आता हो तो मधुमेह रोगी पैरों की उंगलियों के बीच के स्थान को स्प्रिट से साफ करें और बाद में एंटीबायोटिक पाउडर लगाएं।
*  पैरों और उंगलियों को बाहरी चोट से बचा कर रखने का प्रयास करें। नंगे पांव न चलें, बाहर जाते समय बंद जूते पहनें। घर पर भी मुलायम जूतों का इस्तेमाल करें।
*  अपने वजन को नियन्त्रण में रखें। अधिक वज़न टांगों और पैरों के लिए ठीक नहीं होता।
* मधुमेह रोगी अपने पैरों की प्रतिदिन जांच करते रहें। किसी भी प्रकार का ब्लिस्टर होने पर चमड़ी सख्त होने पर पर या कोई भी खरोंच होने पर अपने डॉक्टर को अवश्य दिखायें।

(स्वास्थ्य दर्पण)