मानसून में ऐसे करें ब़िगया की देखभाल 

मनसून एक सपोर्टिव सीजन है। इस सीजन में पौधों को अधिक देखभाल की ज़रूरत नहीं होती, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मानसून में पौधों को बिल्कुल ही देखभाल की जरूरत नहीं होती। हां, इस मौसम का यह फायदा जरूर है कि इस मौसम में गार्डनिंग के शौकीनों को अपने गार्डन को बेहतर बनाने और सोएल प्रिपरेशन के लिए अनुकूल मौसम मिल जाता है। दरअसल इस मौसम में बागवानी करते समय कुछ बातों को ध्यान में रखना बहुत जरूरी है। मसलन इस मौसम में चूंकि लगातार बारिश होती रहती है और मिट्टी गीली होती है, इसलिए नये पौधे लगाने में थोड़ी परेशानी होती है। ऐसे में मिट्टी पहले से तैयार करके रखनी चाहिए। सूखी हुई मिट्टी में सड़ी हुई पत्तियां व गोबर का खाद मिलाकर रखें, इसके बाद ही मिट्टी में नया पौधा लगाएं। इस बात को फिर से जान लें कि गीली मिट्टी में कभी भी पौधा नहीं लगाना चाहिए। क्योंकि गीली मिट्टी में लगाया गया पौधा ठीक से बढ़ता नहीं है। अगर वह किसी सूरत से लगा रहा, तो भी उसमें समय पर फल या फूल नहीं लगते। अगर लगते भी हैं तो बहुत कम और कमजोर लगते हैं। एक और बात इन दिनों खासतौर पर ध्यान रखें कि बारिश के पानी को गमले में रुका न रहने दें। गमलों में बारिश का जमा हुआ पानी सड़ जाता है, जिससे उसमें पत्तियां गलने लगती हैं। अगर सुबह बारिश हुई हो और दोपहर तक भी गमले में पानी भरा हो तो इसका मतलब यह है कि गमले को पानी नहीं चाहिए। अत: गमले से पानी को तुरंत निकाल देना चाहिए। अगर किसी वजह से दोपहर तक नहीं निकाला तो रात में तो हर हालत में गमले से पानी निकालकर ही सोना चाहिए। इस मौसम में एक और काम नियमित रूप से करना होता है, जिससे पता चलता है कि मानसून में भी हमें किस तरह अपनी बगिया को स्वस्थ और सुंदर बनाये रखने के लिए कैसे सजग रहना होता है। इस मौसम में गमलों या क्यारियाें में लगे पौधों के इर्द-गिर्द लगातार गुड़ाई करते रहना चाहिए। क्योंकि गुड़ाई करते रहने से मिट्टी को हवा और पानी अच्छी तरह से मिलते हैं। इससे पौधे की ग्रोथ रेट अच्छी होती है। गमलों में कब गुड़ाई करें, अगर यह उन्हें देखकर समझ न आ रहा हो एक फार्मूला अपनाएं। जब भी गमले में या क्यारी में गुड़ाई करना हो और यह पता लगाना हो कि इसके लिए सही समय है या नहीं तो इसके लिए बस इतना करना है कि अपनी तर्जनी अंगुली से अपने गमले या क्यारी की मिट्टी में दबाव डालें। अगर मिट्टी में अंगुली आसानी से गड़ जाती है तो इसका मतलब है कि अभी गुड़ाई करने की जरूरत नहीं है। लेकिन अगर मिट्टी बहुत सख्त है तो यह संकेत है कि गुड़ाई का समय आ गया है। इस मौसम में कम से कम महीने में एक बार अपने गमले या जमीन के पौधों की गुड़ाई जरूर करना चाहिए। इससे मिट्टी ढीली रहेगी और अपने आप उग आई घासों की भी सफाई हो जायेगी। अगर आपने मानसून के पहले ही अपनी बगिया में सब्जियां बो रखी हैं और मानसून में वो फल-फूल रही हैं तो इनकी देखरेख बड़ी सावधानी से करनी चाहिए। बरसात की सब्जियों को हमेशा मिट्टी का थूहा या थापा बनाकर उगाना चाहिए, मतलब यह कि मिट्टी का एक छोटा सा ढेर बनाना चाहिए और उस ढेर की मुंडी मेें सब्जी उगानी चाहिए। 
-इमेज रिफ्लेक्शन सेंट