लोगों का बदला व्यवहार

क्या कोरोना अब खतरनाक नहीं रहा? या क्या अब इस महामारी के फैलने का डर नहीं रहा। आजकल के हालात देख कर तो इस तरह ही लगता है कि सभी ने इस बीमारी की वैक्सीनेशन करा रखी हो। तालाबंदी खुलने के बाद तो बाज़ारों में बहुत भीड़ हो गई है। लोग सामाजिक दूरी को भूल कर एक स्थान से दूसरे स्थान पर ग्रुपों में पूरे परिवार सहित निडर होकर घूम रहे हैं। मास्क डालना, बार-बार हाथ धोना, सैनेटाइज़र के प्रयोग जैसी सावधानियों को लोग बच्चों का खेल समझने लग पड़े हैं। पहली तालाबंदी 22 मार्च के बाद लोग कोरोना के डर से सहम गए थे और इस डर के कारण लोगों ने बहुत सावधानियां बरतीं, जिसका प्रभाव यह हुआ कि पंजाब में कोरोना अपना कहर सीमित क्षेत्र में ही दिखा सका परन्तु कर्फ्यू खुलने के बाद लोगों द्वारा की जा रही लापरवाही और बेखौफ, बेवजह घूमना कहीं हमारी पहले की गई तपस्या पर पानी न फेर दे। वर्तमान समय बनी भयानक स्थिति में हमें पहले से भी अधिक सावधानी रखने की आवश्यकता है। कई बार अनावश्यक, ज़रूरत से अधिक आत्मविश्वास मंजिल के निकट पहंच कर बुरी तरह हरा देता है। इसलिए, आओ! इस कोरोना महामारी की भयानक, विनाशकारी बन रही स्थिति में सावधान होकर बचने की कोशिश करें।

-गौरव शर्मा
धर्मकोट (मोगा)