महक बिखराते भारतीय व्यंजन 

ये देश कल सोने की चिड़िया थी। ये देश आज भी सोने की चिड़िया है । ये महकता देश कल भी सोने की चिड़िया रहेगा, माना सिस्टम में कमी है माना ज्यादातर आंखों में नमी है । समस्त संसार एक तरफ  मेरा इंडिया एक तरफ । ये देश नहीं बल्कि अनूठा संसार है । यहां कोई माया लूटने आया और कोई मसाले लूटने । लूटेरे थक जाएंगे एक दिन, हमलावर थक जाएंगे एक दिन, इस देश की महक नहीं मरेगी।  सैरगाहों व स्वादों के इस देश का कोई मुकाबला नहीं। झुग्गियों व महलों वाली दिल्ली में  पराठां गली  फिज़ में महक बिखेर रहीं है । चांदनी चौंक में स्थित इस गली में प्याज,आलू, मटर, पनीर, गौभी आदि के स्वाद परांठे मिलते हैं । एक दुकान में पंडित जवाहर लाल नेहरू व इंदिरा गांधी की पराठों का आंनद लेते हुए एक तस्वीर लगी है । अमिताभ बच्चन व अक्षय कुमार भी इस गली के दीवाने हैं। इस गली में स्थित छोटी-छोटी दुकानों में तेल वाली कढ़ाई में परांठे छनते हैं।  दिल्ली के पांच सितारा होटल दुनिया भर के पकवान परोसते हैं। ये जायके का ही कमाल है कि दिल्ली के बहुत अमीर लोग रेहड़ियों के ग्राहक भी है । फूड स्ट्रीट के इस दौर में ये रिवाज भी चल पड़ा है कि लोग आर्डर देकर अपनी गाड़ी में एसी लगाकर बैठ जाते है । लोग अपनी कार में बैठ कर खाना खाने को प्राथमिकता देने लगे है । ये हो ही नहीं सकती की आपने मुबंई की भेल पुरी का नाम न सुना हो। आपके कानों ने ये फिल्मी गीत जरूर सुना होगा चौपाटी जाएंगे  ‘भेल पुरी खाएंगे’। मुबंई के डिब्बे वाले संसार प्रसिद्ध है। आपकी श्रीमति से एक व्यक्ति डिब्बा पकड़ता है। आपकी रसोई में पका खाना कई हाथों में होकर आपके कार्यालय पहुंचता है। मिठाई महानगर कोलकाता के बंगाली रस्सगुल्लों के बारे में आप जानते ही हो। इस महानगर में दुनियाभर के पकवान हाज़िर है । दीघा बीच की तवा मछली व नींबू चाय का जायका क्या कमाल है। लेह-लद्दाख की गुड-चाय,़ फटिंग खुरमानी व ठाहकुशु सेब का जाएका आप पल पल याद करते हो।  गुड़ - चाय में नमक मक्खन व चाय पत्ती पड़ती है।  जिस लम्बें बर्तन में स्टिक के साथ मक्खन मिक्स किया जाता है वह गुड़-गड़ की अवाज करता है, इसी कारण इसे गुड़ गुड़ चाय कहा जाता है।  लेह मनाली सड़क पर टेंट नुमा ढाबे ही ज्यादा हैं । ये बर्फीला मार्ग छ: माह बंद रहता है ।  इन ढाबों में न्यूडलस व चीनी पकवान ही मिलते है। कुछ ढाबों मे ‘टी रम’ मिलती है । चाय में दूध  की जगह रम डाली जाती है । कश्मीर के भद्रवा राजमा अगर आपने खा लिए तो आप हर रोज ढूंढोंगे। जम्मू-श्रीनगर मार्ग पर  एक छोटी-सी जगह है  ‘कुद्द’। कुद्द का पतीसा ......कमाल है कमाल।  जम्मू-कश्मीर का काहवा क्या बात है । काहवे में बादाम  भी डाले जाते है । श्रीनगर में जगह जगह सब्ज़ी की दुकानों पर कमल ककड़ी भी बिकती है । बेकरी की दुकानों पर बिकते बड़े-बड़े आकार के बिस्कुट भी कमाल है । संसार की सबसे ज्यादा महंगी सब्जियों में एक है गुच्छी।  लगभग तीस हजार रुपए किलो मिलती ‘गुच्छी’ बहुत ऊचें पवर्तो पर होती है जो खुंब की एक किस्म है।  गुछी की सब्जी में पनीर और खोया भी डलता है । लखनपुर जम्मू-कश्मीर राज्य का प्रवेश द्वार है । जहां महक बिखेरते दाल के लड्डू आपका स्वागत करते है , और स्वागत भी 24 घंटे । लगभग सौ स्थानों पर दाल पीसी जा रही है और लड्डू तेल में छन रहें हैं सौ से ज्यादा लोगों के  परिवार की रोजी-रोटी है, ये लड्डू। कोरोना काल में इस व्यापार भी बड़ा असर पड़ा है। 


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