भोलेनाथ की अनुपम देवनगरी वैद्यनाथ धाम

देवाधिदेव महादेव की पावन तीर्थस्थली है बाबा वैद्यनाथ धाम। शिव पुराण की कथाओं में इस स्थली का महात्म्य अलौकिक कामना लिंग के रूप में वर्णित है। इसी पावन स्थली पर मां सती का हृदय गिरा था। आज भी देवघर सिद्ध पुरुषों, नागाओं, तांत्रिकों एवं शैव भक्तों का प्रिय स्थल है। प्रकृति की सुरम्य गोद में अवस्थित है यह तीर्थ स्थली।यों तो आध्यात्मिक दृष्टि से यह पावन नगरी है। आज भी श्रद्धालुओं का अटूट विश्वास एवं आस्था इस नगरी मेें जीवंत है। अनेक देवी-देवताओं के मंदिरों एवं अनगिनत दर्शनीय स्थानों के सम्मिश्रण से यह नगरी ध्न्य है। बाबा भोलेनाथ की कृपा सब पर होती है। कहते हैं कि भक्तजन बाबा से मांगते हैं। एक पर बाबा की कृपा से भक्त के मन की चार मुरादें पूरी होती हैं। वह हैं धर्म, अर्थ, काम और मोक्ष। शिव भक्तजनों की मुराद पूरी करने को सदैव तत्पर रहते हैं। पूरे वर्ष भक्तजनों का आगमन बाबा की नगरी देवघर में होता है, लेकिन सावन मास की बात ही निराली है। सावन मास में बाबा के दर्शनार्थ व गंगाजल अर्पण हेतु श्रद्धालुओं का भीड़ उमड़ पड़ती है। यह भीड़ केवल जनमानस की नहीं अपितु यह भीड़ होती है श्रद्धा, भक्ति एवं विश्वास की। बाबा की कृपा कभी व्यर्थ नहीं जाती है। सुलतानगंज से उत्तर वाहिनी गंगा से जल लेकर एक सौ पांच किलोमीटर की दूरी कठिन साधना एवं अटूट आस्था के साथ भक्तजन तय करते हैं। यहां आकर सब की कामना पूरी होती है। जो गंगा बाबा के जटाजूट में भटकती रह गई, उसी की कुछ बूंदों से बाबा प्रसन्न होते हैं। भक्तजन यहां आकर नंदन पहाड़, तपोवन, नौलखा, त्रिकुट पहाड़, सत्संग आश्रम, रिखिया पीठ आश्रम की छवि देख अपने सारे कष्टों को बिसर जाते हैं। भक्तजन देवघर आते हैं अपनी कामनापूर्ति के लिए। उनकी मुराद पूरी होती है।
बाबा वासुकीनाथ : बाबा वैद्यनाथ धाम के दर्शनार्थ आने वाले श्रद्धालु वासुकीनाथ भी अवश्य दर्शनार्थ पहुंचते हैं। वासुकीनाथ धाम  दुमका जिला के जरमुंडी थाना के अंतर्गत अवस्थित है। वासुकीनाथ के बारे में कहा जाता है कि यहां के दर्शन के उपरांत भक्तों की मनोकामना अतिशीघ्र पूरी होती है क्योंकि वासुकीनाथ बाबा का न्यायालय अपना होता है। यहां बाबा का दरबार लगता है और भक्तों की मनोकामना पर विचार किया जाता है। अत: भक्त जब भी देवघर आएं तो बाबा वासुकीनाथ के दर्शन अवश्य करें। सावन मास में यहां भी अपार भीड़ होती है। हमारे देश में द्वादश ज्योतिर्लिंग हैं। बाबा वैद्यनाथ नवम् ज्योतिर्लिंग हैं। इनके दर्शन एवं आराधना से सब पापों से छुटकारा मिलता है। फलस्वरूप लोग ईर्ष्या व द्वेष आदि विकारों से मुक्त होकर सुखमय जीवन व्यतीत करते हैं। धन्य हैं बाबा वैद्यनाथ। धन्य है इनकी महिमा।
कैसे पहुंचें : हावड़ा मुख्य मार्ग पर अवस्थित जसीडीह रेलवे स्टेशन पर श्रद्धालु उतरकर वैद्यनाथ धाम जाने के लिए रेल व वाहन से बाबा की नगरी देवघर पहुंच सकते हैं। (सुमन सागर)