विकलांगता के बावजूद क्रिकेट और फुटबॉल के प्रतिभावान खिलाड़ी विजय कुमार नोएडा

विजय कुमार नोएडा एक हाथ से विकलांग हैं परन्तु इसके बावजूद भी उनकी खेल भावना के जुनून और शौक ने उनको खेलों की ओर प्रेरित किया और आज वह एक ही समय में क्रिकेटर भी और फुटबॉलर भी हैं। इस शौक को लेकर वह भविष्य में बहुत ही ऊंचे मुकाम पर पहुंचने के स्वप्न संजोये बैठे हैं। विजय कुमार का जन्म 8 अगस्त, 1981 को पिता ज्ञान चंद के घर माता रामरती देवी के गर्भ से उत्तर प्रदेश के शहर नोएडा के साथ लगते गांव छलेरा में हुआ। 7 वर्ष की आयु में उनके दाएं हाथ में इन्फैक्शन हो गई और वह इतनी बढ़ गई कि अंत में उनका हाथ काटना पड़ा। चाहे विजय कुमार और परिवार के लिए यह एक सदमे से कम नहीं था, परन्तु समय के आगे मज़बूर होकर झुकना पड़ा परन्तु विजय कुमार ने स्वयं को इतना मज़बूत कर लिया और सोचा कि हाथ ही गया है जीवन तो नहीं। स्कूल गए तो शिक्षा के साथ-साथ खेलने का शौक भी जाग उठा, चाहे वह खेल के मैदान में उतरते समय कई दोस्तों-मित्रों की कड़वी बातों का शिकार हुए परन्तु उनके मज़बूत इरादों को आगे बढ़ने से कोई भी रोक न सका। उन्होंने क्रिकेट के साथ-साथ फुटबॉल खेलने में भी महारत हासिल कर ली और अपनी मेहनत से आज वह दिल्ली के विकलांग अथवा पैरा क्रिकेट टीम के एक अभिन्न अंग हैं और उन्होंने क्रिकेट खेलते कई बड़ी उपलब्धियां हासिल की हैं। वर्ष 2002 में उनको बैस्ट गेंदबाज़ का खिताब मिला और वर्ष 2003 में बेस्ट क्षेत्ररक्षण के रूप में सम्मानित हुए। केरला में फुटबॉल के ट्रायल हुए जहां किशोर करेला ने उनका पैरा फुटबॉलर के रूप में चयन कर लिया और शीघ्र ही वह फुटबॉल टीम के उप-कप्तान भी बन गए। विजय कुमार को अफ्रीका की धरती पर खेलने का अवसर मिला जहां उनके अच्छे प्रदर्शन की तारीफ हुई। विजय कुमार कहते हैं कि वर्ष 2022 में ब्राज़ील देश में विश्व फुटबॉल कप आ रहा है और उनको पूरी उम्मीद है कि वह विश्व कप में जीत करेंगे । 
अपने इस क्षेत्र में वह हमेशा ही ऋणी हैं केरला से किशोर का और अनिल कुमार और बादशाह का, जिनका सहयोग उनको हर पल मिलता है। वह इससे भी अधिक खुश हैं  पत्नी अंजना शर्मा, बेटा प्रियांशू शर्मा और बेटी शोभा शर्मा जिन्होंने उनको हमेशा खुशियां और सम्मान दिया। नोएडा में पेशे से वकील इस खिलाड़ी विजय कुमार को समय की सरकारों से भी शिकवा है कि अभी तक किसी भी सरकार ने उनकी उपलब्धियों का  सम्मान नहीं किया और न ही उनकी कोई आर्थिक सहायता की।

-मो. 98551-14484