ज़रा सोचें! आप कितने ईमानदार हैं

ज़िन्दगी की खुशी, आनंद, संतुष्टि और सफलता इस बात पर निर्भर करती है कि हम अपने प्रति, अपने काम के प्रति, अपने कर्त्तव्य के प्रति, आपने आस-पास लोगों के प्रति कितने ईमानदार हैं। इमानदारी भरोसे और वफादारी की जननी है। ईमानदारी हमारे सच्चे होने का सबूत है। यह ज़िन्दगी का ऐसा नियम और असूल है जो आपको कभी भी दूसरों की नज़रों में गिरने नहीं देता। 
नि:सन्देह आजकल हमारे समाज में लड़कियां भी ज़िन्दगी के हर क्षेत्र में तरक्की कर रही हैं। यह तरक्की उनकी ईमानदारी का परिणाम है। सफल व्यक्ति ईमानदार होते हैं और किसी भी व्यक्ति की असफलता उसके बेइमान होना का परिणाम है। भ्रष्ट व्यक्ति कितने भी बड़े पद पर पहुंच जाये लेकिन लोग उनका दिल से सम्मान नहीं करते। ईमानदारी और समझदारी के साथ ही हम हालातों से लड़ सकते हैं। मुश्किल से मुश्किल स्थिति से निपटने के लिए हमारे पास ईमानदारी की दौलत है जिससे फैसले लेने में दिलेरी आती है।  ज़िन्दगी की खुशी का संबंध दिल और आत्म के साथ भी होता है। नकारात्मक विचारों का बोझ हमें निराश और उदास करता है। बेइमानी और झूठ हर समय का बोझ है। गलत तरीकों के साथ अपनी आय को बढ़ाने का तरीका हमें हर पक्ष से गरीब करता है। सिर्फ दौलत ही कमाई नहीं है गुज़ारे  के लिए खुशियां, वफादारी और तसल्सी भी ज़रूरी है। यह कभी नहीं हो सकता कि आप ईमानदार हों और आप को कोई पसंद न करे। आप सच्चे हो और आपको कोई प्यार न करे और आपका कोई दोस्त न हो। कहते हैं कि देर से बोला हुआ सच भी झूठ ही लगता है। किसी के दिल में उतरना और किसी के दिल में से उतर जाना में बहुत बड़ा अंतर है। अन्य लोगों पर जीत प्राप्त करने से बेहतर है अपने आप पर जीत प्राप्त की जाए जो कि एक मुश्किल काम है।  ईमानदारी वह चरित्र है जो आपके किरदार को ऊंचाईयों पर लेकर जाता है। एक बुलंद सोच वाला व्यक्ति ही बुलंदियों तक पहुंचता है। ईमानदारी का संबंध सिर्फ दौलत के साथ ही नहीं होता बल्कि ईमानदारी हमारे व्यवहार में ही झलकती है। झूठ ज़िन्दगी के समूचे व्यवहार को प्रभावित करता है जिससे सारे मानवीय रिश्ते प्रभावित होते हैं। एक रिश्वतखोर व्यक्ति अपने बच्चों को सच का पाठ नहीं पढ़ा सकता जिससे ज़िन्दगी में हमारा अपना कोई असूल या नियम नहीं होता। 
कहते हैं कि जीना है तो एक दीये की तरह जीवित रहें जो एक राजा के महल को भी उतनी रौशनी देता है जितनी एक गरीब की झोंपड़ी को। घर में एक बेटी और बेटे की परवरिश में भी ईमानदारी दिखाएं। इसका परिणाम आपको कभी निराश नहीं होने देगा। बहुत ज़रूरी है दिल का अमीर होना। ईमानदार होने और ईमानदारी जिन्दगी का सबसे बड़ा सम्मान है जो आपकी आत्मा आपको देती है।