बरसात में बढ़ सकता है पीलिया का प्रकोप

बरसात के मौसम में दूषित जल और अखाद्य पदार्थों के सेवन से उत्पन्न होने वाला पीलिया एक भयंकर रोग है। आयुर्वेद में इसे कामला एवं पांडुरोग के नाम से भी जाना जाता है। आधुनिक चिकित्सा पद्धति में यह जोन्डिस के नाम से जाना जाता है। यूं तो यह रोग किसी भी मौसम में हो सकता है किन्तु बरसात में इसके अधिक होने की संभावना बनी रहती है।इस रोग में खून की कमी के कारण शरीर पीला पड़ जाता है और इसी कारण इसे पीलिया के नाम से जाना जाता है। यकृत में विकार आ जाने से पाचन नहीं हो पाता जो कि पित्तकारक आहार के सेवन से होता है। पित्त के दूषण और शरीर में रक्ताल्पता के कारण ही यह रोग होता है। इस रोग के प्रभाव से त्वचा, आंखों और नाखूनों का रंग पीला पड़ जाता है।पीलिया एक संक्रामक रोग है जो वायरस के कारण होता है। यह वायरस प्रदूषित जल, अशुद्ध खान-पान, खुले एवं गन्दे स्थानों पर पेय पदार्थों के सेवन आदि से यह रोग पैदा हो जाता है। इस प्रदूषण के कारण स्वस्थ व्यक्ति के लीवर में भी सूजन आ सकती है जिससे लीवर की कार्यक्षमता क्षीण हो जाती है। पीलिया जब विषाक्त पदार्थों के संक्र मण से होता है तो विषयुक्त पीलिया या सिफलिस होना इसके दुष्प्रभाव होते हैं। हृदय के पुराने विकारों से उत्पन्न विष में भी पीलिया का कारण बन सकता है।कुछ रोगियों में पीलिया अपने किसी शारीरिक विकार से नहीं, बल्कि किसी अन्य के विकार के कारण से भी हो जाता है। प्रदूषित सिरिंज एवं नीडल द्वारा दिए गए इंजेक्शन से या किसी पीलिया वायरस से ग्रस्त रोगी का रक्त शरीर में चढ़ जाने से भी यह रोग होता है।पीलिया का संक्र मण होते ही रोगी की भूख कम हो जाती है, पेट में मीठा दर्द रहने लगता है और उसकी तिल्ली व जिगर बढ़ जाता है। ऐसे व्यक्ति के पखाने का रंग मिट्टी जैसा तथा पेशाब पीले रंग का हो जाता है। रोगी का वजन घटने लगता है तथा त्वचा में खुजली होने लगती है। रोगी को कुछ खाने की इच्छा नहीं होती। मुंह का स्वाद बिगड़ जाता है, हमेशा कब्ज बनी रहती है। सिरदर्द, कमजोरी एवं थकान की शिकायत भी बनी रहती है।इस रोग से ग्रस्त व्यक्ति को अपने खान-पान पर विशेष ध्यान देना होता है। उसे चिकनाई वाले गरिष्ठ भोजन से परहेज रखना होता है। पपीता, गन्ने का रस, संतरा, अंगूर, मुनक्का, अंजीर, चीकू, मक्खन रहित छाछ, चावल, मूंग की छिलके वाली दाल, दूध-भात आदि खाना चाहिए। आंवला, कच्चे केले की सब्जी, परवल की सब्जी व मूली का सेवन पीलिया रोगी के लिए उपयोगी है। कच्चा पानी न पीकर उसे उबाल कर ठण्डा करके पीना चाहिए।

 (स्वास्थ्य दर्पण)