महान लेखक और नाटककार विलियम शेक्सपियर

विलियम शेक्सपियर महान लेखक थे बल्कि विश्व साहित्य में अब तक के महानतम लेखक। नाटककार और कवि। आमतौर पर इस मान्यता में विवाद नहीं है। लेकिन क्या शेक्सपियर चोर थे ? क्या उनकी चोरी ने ही ऐसी परिस्थितियां बना दीं कि वह लेखक बन गये ? यों तो शेक्सपियर के साथ जुड़े विवादों की फेहरिस्त छोटी नहीं है। लेकिन पिछली चार सदियों से यही माना जाता रहा है कि उनके महान बनने का सफ र चोरी की एक घटना के बाद शुरू हुआ। शेक्सपियर का जन्म इंग्लैंड की वारविकशायर काउंटी के स्ट्रेटफोर्ड अपॉन एवन कस्बे में हुआ था। अधिकांश विद्वानों ने उनका जन्म 26 अप्रैल 1564 लिखा है। लेकिन स्थानीय चर्च में यह तारीख उनके बैप्टाइजम के रूप में दर्ज है। इसलिए परंपराओं के हवाले से कुछ विद्वान उनका जन्म तीन दिन पहले मानते हैं यानी 23 अप्रैल 1564 को। वह जॉन शेक्सपियर और मेरी ऑर्डेन की तीसरी संतान थे। दो बड़ी बहनों की शैशव काल में ही मौत हो गई थी। जॉन दस्ताने बनाने का व्यवसाय करते थे। वह स्ट्रेटफोर्ड शासन में जिम्मेदार पद पर भी रहे और 1569 में मेयर भी। लेकिन आर्थिक हालात से हमेशा जूझते रहे। बेटे विलियम शेक्सपियर की शुरुआती पढ़ाई स्थानीय किंग्स न्यू स्कूल से हुई थी। स्कूल में उन्हें शास्त्रीय ग्रंथ, लैटिन व्याकरण और साहित्य जैसे विषय पढ़ाये गये। शायद इसीलिए साहित्य में उनका रुझान विकसित हुआ होगा। लेकिन वह कॉलेज की पढ़ाई नहीं कर सके। घर की तंगहाली और तीन छोटे भाई और दो बहनों की जिम्मेदारी ने उन्हें पढ़ाई छोड़कर छोटे मोटे काम करने पर मजबूर कर दिया। तब उनकी उम्र महज 13-14 साल थी। उस जमाने में नाटकों का चलन था और कई बड़ी कंपनियां नाटक किया करती थीं। किशोर उम्र शेक्सपीयर भी नाटक देखने जाया करते थे। यहीं से उनके भीतर का लेखक और अभिनेता करवटें बदलने लगा। लेकिन परिवार के लिए रोटी की चिंता ने उनकी इस बेचैनी पर लगाम लगाए रखी। इस बीच 1582 में उनका विवाह हो गया। तब शेक्सपीयर 18 साल के थे और उनकी दुल्हन ऐनी हथावे 26 साल की थीं। वो पड़ोसी गांव शॉटरी के एक धनी किसान की बेटी थीं। टेम्पल ग्रैपटॉन में जब दोनों बाकायदा विवाह बंधन में बंधे, तो ऐनी गर्भवती थीं। उन दिनों ये सामान्य बात थी क्योंकि चर्च में शादी के मुहूर्त से पहले अस्थायी विवाह चलन में था। तो, शादी के 6 महीने बाद ही शेक्सपीयर एक बेटी के पिता बन गये। बेटी का नाम सुसाना हाल रखा गया। इसके बाद जनवरी 1585 में 2 जुड़वां बच्चे और हुए। बेटा हम्नेट शेक्सपीयर और बेटी जूडिथ क्विनी। लेकिन 11 अगस्त 1596 को, जब हेम्नेट 11 साल का था तो प्लेग की चपेट में आकर उसकी मौत हो गई।यही वह समय था जब तंगहाल शेक्सपियर एक चोर के रूप में बदनाम हो गये। लेकिन चोरी का यह दाग उनकी जिंदगी बदल देने वाला था और आने वाले दिनों में वह दुनिया के सबसे महान लेखक बनने जा रहे थे। कहा जाता है कि शेक्सपीयर ने अपने पड़ोसी सर थॉमस लूसी का पालतू हिरन चोरी किया था। लूसी वारविकशायर में मजिस्ट्रेट थे और 1571 और 1585 में हाउस ऑफ  कॉमन्स के सदस्य रहे थे। उनके पास स्ट्रेटफ ोर्ड से करीब चार मील दूर एवन नदी के किनारे चारलीकोट में 75 हेक्टेयर का पार्क था। पहली बार 1688 में ऑक्सफोर्ड के एक पादरी रिचर्ड डेविस ने इसका ज़िक्र किया है। उन्होंने लिखा कि शेक्सपियर लूसी के पार्क से हिरन और खरगोश चोरी में शामिल थे। वह पकड़े गये थे। लूसी ने उन्हें कैद कर लिया और पिटाई के बाद स्ट्रेटफोर्ड  छोड़ने पर मजबूर कर दिया। शेक्सपियर के पहले जीवनीकार निकोलस रोवे ने चोरी की इस कहानी को आगे बढ़ाया। बाद के तीनों जीवनीकारों ने भी इस चोरी को उनके नाटकों के हवाले से साबित करने की कोशिश की। 1763 में द बायोग्राफी का ब्रिटानिका में शामिल होने के बाद इसे आधिकारिक मान लिया गया। तो कहानी के मुताबिक पकड़े जाने पर शादीशुदा और तीन बच्चों के पिता शेक्सपियर को शर्मिंदगी महसूस हुई। हालांकि, थॉमस ने उन्हें छोड़ दिया, लेकिन खतरा बना हुआ था कि वह कानूनी कार्रवाई कर सकता है। शायद अपमान और डर की वजह से शेक्सपीयर लंदन भाग गये। दस्तावेजों के मुताबिक सन 1585 का समय था। शुरुआत में नाटक कंपनी में छोटे मोटे काम करने की नौकरी की। लेकिन अगले सात सालों में वह अभिनेता और लेखक के रूप में अपनी पहचान बनाने में सफ ल रहे। इस दौरान वह एक नाटक कंपनी लॉर्ड चेम्बर्लेन के साझीदार भी बन गये। मंचन दस्तावेजों के अनुसार सन 1592 में उन्होंने लंदन मंच पर अपने करियर की शुरुआत की। सन 1594 के बाद तो चेम्बर्लेन ने शेक्सपियर के लगभग सभी नाटकों का मंचन किया। कम्पनी सफल रही और शेक्सपियर आर्थिक रूप से बहुत मजबूत हो गये। वह ग्यारह साल बाद 1596 में स्ट्रैटफ ोर्ड अपॉन एवन वापस लौटे, जहां उन्होंने अपने घर को हवेली की शक्ल दी। सन 1599 में उन्होंने अपना थिएटर खरीद लिया जिसका नाम ग्लोब रखा। अब शेक्सपियर का ज्यादा वक्त स्ट्रेटफोर्ड में ही गुजरने लगा था। गौरतलब है कि लंदन प्रवास के इन 11 सालों के दौरान पत्नी हथावे स्ट्रेटफोर्ड में ही रहीं। लेकिन स्ट्रेटफ ोर्ड आकर भी नाटकों के लिए उनका मोह कम नहीं हुआ था। वह लंदन आते जाते रहे। सन 1613 में उन्होंने अपना आखिरी नाटक ‘द टू नॉबिल किन्समेन’ पूरा किया। 23 अप्रैल 1616 को 52 साल की उम्र में शेक्सपियर की मृत्यु हो गयी। उन्हें पास के हॉली ट्रिनिटी चर्च में दफनाया गया। शेक्सपियर के काव्यात्मकता नाटकों का विश्वभर की लगभग सभी भाषाओं में अनुवाद हुआ है। उन्होंने 38 नाटक लिखे। लगभग सभी का मंचन हुआ। दुनिया में किसी भी नाटककार के इतने नाटक मंचित नहीं हुए हैं। उन्होंने 154 सॉनेट्स लिखे। प्यार और जुनून की अनोखी शैली वाली इन रचनाओं को उन्होंने खुद ही सॉनेट नाम दिया था। साहित्य में अभिनव प्रयोग। माना जाता है कि शेक्सपियर ने अपने रचनाक्रम के दौरान 1700 से ज्यादा अंग्रेजी शब्दों को जन्म दिया।

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