सत्ता की ताकत : सोशल डिस्टेंसिंग के नियम तोड़ने से बढ़ा खतरा

सत्ता की ताकत नियम बनाने की लिए मिलती है लेकिन प्रदेश में सत्ता की बागडोर संभाले नेता नियम बनाकर तोड़ने का काम कर रहे हैं। कोरोना काल में सरकार के मंत्रियों और भाजपा के नेताओं के द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों की धज्जियां उड़ाना अब प्रदेश की जनता के लिए बड़ा खतरा साबित हो रहा है। सरकार के एक मंत्री के कोरोना पॉजीटिव आने के कारण उनके संपर्क में आए लोगों की चेन लम्बी होती जा रही है। मंत्री के संपर्क में आए भाजपा प्रदेश प्रवक्ता बलदेव तोमर कोरोना संक्रमित हो गए। अब उन  हजारों लोगों को भी कोरोना संक्रमण का खतरा महसूस होने लगा है जो मंत्री के संपर्क में आए थे।  मंत्री ने राजभवन में शपथ ली थी। इस कारण राजभवन  एक सप्ताह के लिए बंद हो गया है और राज्यपाल के सभी कार्यक्रम स्थगित हो गए हैं। इसके साथ ही मंत्री के संपर्क में आने से  भाजपा के प्रदेशाध्यक्ष सुरेश कश्यप, पूर्व मुख्यमंत्री प्रेम कुमार धूमल, शांता कुमार सहित हजारों नेता और कार्यकर्ता क्वारंटाइन हैं।  मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के हाल ही में कांगड़ा दौरे के दौरान  सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ाई गईं। कोरोना संक्रमित मंत्री के संपर्क में मुख्यमंत्री भी आए थे लेकिन मुख्यमंत्री ने स्वयं को आइसोलेट नहीं किया है जिस पर विपक्ष के नेता सवाल उठा रहे हैं। मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के स्वागत समारोह और कार्यक्रमों में सैकड़ों लोगों ने भाग लेकर सोशल डिस्टेंसिंग के साथ कोरोना काल में बनाए गए नियमों की धज्जियां उड़ाई हैं। कोरोना काल में किसी भी कार्यक्रम में 50 से अधिक लोगों के भाग लेने की अनुमति नहीं है लेकिन सरकारी कार्यक्रमों पर यह नियम लागू नहीं हो रहा है। कोरोना नियमों का पालन कराने वाली पुलिस के भी दोहरे मापदंड नजर आ रहे हैं। जब विपक्षी दल कांग्रेस के नेता विरोध प्रदर्शन के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन नहीं करते तो उनपर केस दर्ज होते हैं लेकिन जब सत्ताधारी भाजपा के नेता स्वागत समारोहों में सैंकड़ों की संख्या में भाग लेते हैं तो कोई केस दर्ज नहीं होता। पुलिस के इस दोहरे मापदंड को लेकर कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष कुलदीप राठौर सहित कई विधायकों ने सवाल उठाए हैं और पुलिस में शिकायत भी दर्ज की है। सरकारी कार्यक्रमों में सामाजिक दूरी न होने के सवाल पर पूर्व मुख्यमंत्री शांता कुमार ने भी सरकार को सामाजिक दूरी का पालन करने की नसीहत दी है लेकिन सत्ता में बैठे पावरफुल लोगों को न तो नियमों की परवाह है और न किसी सलाह की। इस कारण प्रदेश की जनता की जान पर कोरोना नामक वायरस का खतरा बढ़ता जा रहा है। सत्ताधारी लोगों को चाहिए कि जनता को कोरोना संक्रमण से बचने के लिए उपदेश देने से पहले खुद पर भी इन्हें लागू करें जिससे यह खतरा जनता के बीच न फैले।  
मुख्यमंत्री का सुरक्षा कवच बनेंगे पठानिया
सत्ता के अढ़ाई साल बाद भाजपा के तेजतर्रार विधायक राकेश पठानिया को मंत्री की कुर्सी हासिल हुई। लंबे समय की सियासी मशक्कत के बाद मंत्री की कुर्सी में बैठने के बाद पठानिया तेजी से सक्रिय हो गए हैं। मंत्री बनते ही कांगड़ा की सियासत की कमान संभालने की कवायद करते हुए पठानिया ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का चार दिवसीय दौरे का कार्यक्रम बनाया और कांगड़ा जिले में सत्ता और संगठन को मजबूत करने का कार्य किया। पठानिया लगातार मुख्यमंत्री के कार्यक्रमों में अगुआ नेता की तरह सक्रिय रहे और प्रशासनिक अमले को भी सक्रिय करने की कसरत की। मंत्री पद संभालने के बाद कांगड़ा पहुंचे पठानिया ने सबसे पहले कांग्रेस पार्टी के उन आरोपों का जवाब दिया जिनमें कहा गया है कि भाजपा सरकार कांगड़ा के साथ भेदभाव कर रही है। पठानिया ने कहा कि मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर के नेतृत्व में सरकार कांगड़ा के सभी विधानसभा क्षेत्रों में विकास करवा रही है। इसके साथ ही कांगड़ा की सियासत में उठती विरोध की आवाज को भी मुख्यमंत्री के नेतृत्व में सत्ता और संगठन के नेताओं के साथ मीटिंग कर शांत करने का प्रयास किया। वहीं पठानिया सियासत की नई लकीर भी खींचना चाह रहे हैं। वह वीआईपी कल्चर से दूर रहकर मंत्री को मिलने वाले एस्कार्ट सुविधा को न लेने का ऐलान कर चुके हैं तो वहीं धर्मशाला में मंत्री का कार्यालय भी तैयार कर रहे हैं जिसमें मंत्री सप्ताह में एक दिन बैठकर जनता की समस्याओं का समाधान करेंगे। इस तरह पठानिया ने यह साबित करने का प्रयास किया है कि मंत्री पद भले ही देर से मिला लेकिन अब वह कांगड़ा जिले में विकास की नई लकीर खींचेंगे।
आत्महत्याओं का बढ़ना चिंतनीय
कोरोना काल लोगों की जान पर भारी पड़ रहा है। कोरोना वायरस का डर और कोरोना के समय लगे लंबे लॉकडाउन ने लोगों के जीवन पर भारी पड़ रहा है। लॉकडाउन के कारण आई आर्थिक मंदी, युवाओं की नौकरियों का छिनना और कारोबार का ठप्प होना भी परेशानी से कम नहीं है। इसी बीच प्रदेश के पुलिस प्रमुख द्वारा जारी अपराध के आंकड़ों ने चिंता बढ़ा दी है। आंकड़ों के अनुसार 2018 में 715 और 2019 में 503 लोगों ने खुदकुशी की, मगर कोरोना काल में इसी साल अभी तक आत्महत्याओं के  446 मामले सामने आए हैं जो चिंता का विषय है।  वहीं विपक्ष के नेता मुकेश अग्निहोत्री ने भी सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि लोग आत्महत्याएं कर रहे हैं और सरकार के मंत्री और भाजपा के नेता स्वागत समारोहों में नाच रहे हैं। अग्निहोत्री ने कहा कि देव भूमि में जुलाई में 101 और जून में 112 व मई में 89 खुदकुशी के मामले आये हैं। ऐसे में कहना ना होगा कि सरकार विकास के लिए नही, इस दौरान हुई खुदकुशियों के लिए लम्बे समय तक जानी जाएगी। बढ़ती आत्महत्याओं को लेकर  सरकार को पता करना चाहिए कि आत्महत्याओं के कारण क्या हैं और इन कारणों का निदान करने का प्रयास  किया जाना चाहिए। कहा  है कि आर्थिक तंगी के कारण ही लोग आत्महत्या कर रहे हैं जिसे गंभीरता से लेकर सच्चाई के लिए कदम उठाना चाहिए।