प्रदूषण से घटती है उम्र

एक वैज्ञानिक सर्वेक्षण के अनुसार प्रदूषण के कारण दिल्ली निवासियों की औसत आयु 5 वर्ष कम हो गई है। सरकार दावे तो बहुत करती है परन्तु उचित कार्रवाई नहीं करती। भारत के तमाम शहरों में यही स्थिति है। प्रदूषण का रोज़मर्रा की ज़िन्दगी में कृत्रिम पदार्थ तमाम तरह के रासायनिक वातानुकूलन खेतों में फर्टीलाइज़र और पैस्टीसाइड धरती और आकाश पर गाड़ियां और हवाई जहाज़ तथा कारखाने  इत्यादि सब मिल कर दिन भर प्रकृति में ज़हर घोल रहे हैं। प्रदूषण के लिए कोई अकेला भारत ज़िम्मेदार नहीं है। दुनिया के हर देश में प्रकृति से खिलवाड़ हो रहा है, जबकि प्रकृति का संतुलन बनाए रखना बहुत आवश्यक है। स्वार्थ के लिए  अंधाधुध पेड़ों की कटाई से ग्लोबाल वार्मिंग की समस्या बढ़ती जा रही है। पर्यावरण के विनाश से सबसे ज्यादा प्रभाव जल आपूर्ति पर पड़ रहा है। इससे पेयजल संकट गहराता जा रहा है। पिछली सरकारों ने यह लक्ष्य निर्धारित किया था हर घर को पेयजल की सुविधा मिलेगी, लेकिन यह लक्ष्य पूरा नहीं हो सका। हमें तथा सरकारों को इस बढ़ते हुए प्रदूषण को रोकने होते ठोस यत्न करने चाहिएं, ताकि हम स्वच्छ सांस ले सकें।

-सुभाष पुरी ‘राही’