मधुमेह रोग में आहार क्या लें, क्या न लें

मधुमेह रोग आधुनिक समय का रोग है, जो मानसिक तनाव, बढ़ती चर्बी और व्यायाम की कमी के कारण होता है। वैसे यह रोग वंशानुगत भी है। मनुष्य के खान-पान और रहन-सहन का प्रभाव इस बीमारी पर अधिक पड़ता है।
इस रोग का मुख्य कारण है शरीर में इंसुलिन की कमी। हमारे शरीर से इंसुलिन का स्राव होता है जो शरीर में ग्लूकोज़ की मात्रा को संतुलित बनाए रखता है। इंसुलिन का स्राव हमारे शरीर में पैंक्रि याज नाम का अंग करता है। ब्लड में शर्करा का कम होना या अधिक होना दोनों ही नुकसानदायक होता है। प्रारम्भिक डायबिटिज में तो आहार और उचित व्यायाम से काबू पा सकते हैं। अधिक होने पर दवा का सहारा लेना पड़ता है।
क्या लें
जो भी लें, डॉक्टर के परामर्शानुसार लें-
*खाने में सनफ्लावर, कॉर्नसीड व सोयाबीन का ही तेल लें। तेल की मात्रा सीमित लें। दिनभर में 3 से 4 चम्मच तक लें।
* अंडे सप्ताह में तीन-चार ले सकते हैं पर अंडाें का पीला भाग न खाएं। उबले अंडे में से तो आसानी से पीला भाग अलग कर सकते हैं। यदि आमलेट या भुर्जी बना रहे हैं तो उसमें सब्जी डालें और पीली गोली फेंक दें। आमलेट और भुर्जी सप्ताह में एक बार ही खाएं।
* दूध डबल टोंड ही लें। दूध से बनी चीजें जैसे दही, पनीर, आदि डबल टोंड दूध वाले ही लें। 
* ड्राई फ्रूट्स में बादाम और अखरोट सीमित मात्र में लें। 
* नारियल पानी, टमाटर जूस ले सकते हैं पर हर चीज सीमित मात्र में लें।
* जब भूख लगे तो थोड़े से भुने चने चबा सकते हैं।
* चाय, काफी, दूध बिना चीनी का ही लें। साथ चाहें तो 2 मेरी बिस्कुट ले सकते हैं।
* अंकुरित अनाज 1 कप नाश्ते में ले सकते हैं। 1 कप उपमा या 2 इडली ले लें।
*  जब बीच में भूख सताए तो कच्ची सब्जियों का सलाद, सूप, सब्जी का जूस ले सकते हैं।
क्या न लें
* तला भोजन जैसे समोसा, परांठा, पूरी, पकौड़ा और फास्ट फूड न लें।
* सब्जी में आलू, शकरकंदी या जिमीकंद न लें।
* कॉर्नफ्लोर, अरारोट, कस्टर्ड व स्टार्चयुक्त चीजें न लें।
* अचार का सेवन भी न करें।
* देशी घी, नारियल तेल, वनस्पति घी, बटर, चीज का सेवन न करें।
* दूध में मिक्स करने वाले बोर्नवीटा, बूस्ट आदि न लें। 
* बाजारी पनीर, क्र ीम, खोया या अन्य दूध से बनी वस्तुएं न खाएं। कंडेंस्ड मिल्क, टिंड फ्रू टुस भी न लें। 
* मिठाई से परहेज करें।
* जैम, जैली पेस्ट्री, मिठाई आदि अपनी लिस्ट से काट कर दें। 
कुछ और बातें जो ध्यान में रखें
  *  एक घंटा प्रतिदिन तेज चलें।
* व्रत न रखें।
* सैर के साथ-साथ थोड़ा व्यायाम भी करें।
* दिन में तीन मेन मील्स के साथ दो छोटे मील्स भी लें।
* जीवन में तनाव की छुट्टी कर दें। प्रसन्न रहें और जीवन में मनोरंजन को पूरा स्थान दें।
* दिन में 10 से 12 गिलास पानी रोज पीएं।
* भोजन में रेशेदार वस्तुओं का सेवन करें जिससे ग्लूकोज़ का स्तर ठीक रहता है।
* साबुत दालें व चोकरयुक्त आटे का प्रयोग करें।
* ब्लड टेस्ट एक माह के अंतर में करवाते रहें और डॉक्टर से सलाह भी लेते रहें। हो सके डाइटिशियन से अपनी रिपोर्ट के अनुसार डाइट चार्ट बनवा लें।

(स्वास्थ्य दर्पण)