ज़रूरी है थकावट का समाधान

अक्सर गृहणियों में थकावट की शिकायत पाई जाती है। मनोचिकित्सकों के अनुसार, ‘थकावट के लिये तनाव, घुटन, दमित क्रोध,, चिंता, आशंका, डर, जैसे कारण भी उत्तरदायी होते हैं। 
इसके अलावा घरेलू कामों व बाहरी कामकाज के दोहरे बोझ से त्रस्त गृहिणियां शारीरिक व मानसिक रूप से ज्यादा थकान महसूस करती हैं लेकिन कुछ महिलाओं को हमेशा थकावट महसूस होती रहती है जिसे ‘न्यूरेस्थीरिया‘ कहते हैं। इस रोग का शिकार होने पर डॉक्टरी उपचार करवाना चाहिये। वैसे थकावट से निम्न उपायों को अपनाकर काफी हद तक बचा जा सकता है।
द्म सर्वप्रथम सूचीवार अपने आवश्यक कार्यों की लिस्ट बनायें। फिर एक के बाद एक कर इन्हें निपटायें। सारे काम एक साथ खुद ही निपटाने की चेष्टा न करें।
* प्रतिदिन स्वयं अपने व्यायाम, मसाज व सैर के लिये समय अवश्य निकालें।
* अपने खानपान पर समुचित ध्यान दें। बासी, गरिष्ठ व तले भुने खाने की बजाय ताजा हरी सब्जियों, अंकुरित अनाज और सलाद को प्राथमिकता दें।
*  अनियंत्रित व एकाकी जीवनशैली को छोड़कर संयमित जीवनशैली अपनायें। मिलनसार बनें।
*  डेस्क जॉब या खड़े रहकर काम करनेवाली महिलाओं को दो-तीन घण्टे के अंतराल में 4-5 मिनट के लिए अवश्य आराम करना चाहिये।
*  यदि लगातार खड़े होकर काम करें तो एक पांव पर ही पूरा बोझ न डाले।ं रोजाना गुनगुने गर्म पानी में जरा सा नमक डाल कर अपने पावों को उसमें 10-12 मिनट डुबो कर रखें। 
*  मित्रों व रिश्तदारों से फोन या पत्र द्वारा सम्पर्क अवश्य बनाये रखें। बच्चों से घुलें मिलें या कोई पालतू जानवर पालें।
* अनावश्यक उत्तेजना, तनाव, डर, आशंका, चिंता की गुलाम न बनें। मनोबल गिराने वाले लोगों से मेलजोल बढ़ाने की बजाय कर्मठ व उत्साही लोगों से मिलें। 

(स्वास्थ्य दर्पण)