ज़रूरी है कानों की देखभाल

शरीर के अन्य अंगों की तरह कानों को भी उचित देखभाल और साफ सफाई जरूरी होती है। कान की देखभाल और साफ सफाई में लापरवाही बरतने से बहरापन भी हो सकता है। व्यस्त दिनचर्या के कारण कान की देखभाल नहीं करने से उसमें धीरे-धीरे मैल जमता चला जाता है जो बहरेपन का कारण बनता है। 
कभी-कभी कान में दर्द होने लगता है, तब हमें कान का ध्यान आता है। यदि आप चाहते हैं कि कान स्वस्थ रहें, बहरे न हों और ठीक से सुनते रहें तो कुछ सावधानियां बरतनी होंगी। कान की उचित देखभाल के लिए निम्न बातों पर ध्यान रखें। सर्दी-जुकाम, खांसी और फेफड़ों में संक्र मण आदि से बचें। यदि इनमें से किसी रोग से आप ग्रसित हों तो परहेज रखते हुए अपना इलाज करा लें। ठंडे पानी में न तैरें तथा स्नान करते समय कान में रूई डाल लें। जोर से नाक साफ न करें, हवाई यात्र के समय जहाज के उड़ते या उतरते समय चॉकलेट या च्यूंगम चबाएं। यदि तेज सर्दी से ग्रसित हों तो यात्र करने से बचें। अगर यात्र पर जाना बहुत जरूरी हो तो सर्दी की गोली या ड्राप्स का सेवन करके ही घर से निकलें। 
यदि अधिक रोने से कान दर्द हो, सर्दी खांसी के साथ कान दर्द हो, अचानक कान में मवाद आने लगे, खून की कमी हो, शक्कर की बीमारी हो, चोट लगने से कान दर्द हो, थायराइड विकार से ग्रस्त हों तो ऐसी स्थिति में डाक्टर से मिलकर सलाह जरूर लें। डाक्टर से सलाह लिए बिना कान में कोई दवा न डालें। कान में खुजली हो, सुरसुराहट या दर्द हो तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं। यदि कान में मैल जम गया हो तो स्वयं न निकालें, डॉक्टर से ही निकलवाएं।
कान को सींक से नहीं खुजलाना चाहिए। बच्चों के कान नहीं खींचने चाहिए। किसी दूसरे का तकिया, तौलिया या नेपकिन का इस्तेमाल नहीं करना चाहिए। कान में कोई तकलीफ हो तो उसका स्वयं इलाज न करके हमेशा डॉक्टर से इलाज कराना चाहिए। (स्वास्थ्य दर्पण)