ऑनलाइन पढ़ाई

कोरोना की बीमारी की वजह से स्कूल बंद पड़े थे। बच्चों की पढ़ाई ऑनलाइन हो रही थी। रीतू के दोनों बच्चे भी ऑनलाइन पढ़ाई कर रहे थे। घर में एक ही फोन था। रीतू को अपने परिवार का निर्वाह करने के लिए घरों में काम करना पड़ता था। पहले मोबाइल फोन उसके पास होता था। परन्तु अब ऑनलाइन पढ़ाई के कारण मोबाइल फोन बच्चों के पास होता था। कभी उसे किसी घर से फोन आता था, कभी किसी घर से। घर वालों को पता चल जाता था कि वह कहां पर है, कब आएगी, परन्तु अब घरों में कभी देर से पहुंचती, कभी पहुंचती ही नहीं। उसे घरवालों को बताने में भी समस्या होती थी। एक दिन उसे एक घर से फोन आता रहा लेकिन वह उत्तर तो तब देती यदि उसके पास फोन होता। 
वह बहुत देर से उस घर में पहुंची। घर में प्रवेश करते ही मालकिन ने प्रश्न किया- ‘रीतू तुम काम करना चाहती हो या नहीं? मैं कई दिनों से देख रही हूं कि तुम कभी भी समय पर नहीं आती।’ रीतू बोली-‘मैडम, यदि काम नहीं करूंगी तो खाऊंगी क्या?’ पहले मेरे पास फोन होता था। मैं सभी को सूचित कर देती थी, लेकिन अब फोन बच्चों के पास होता है। मेरी मजबूरी है, मैडम। मालिकन ने उसे उत्तर दिया- ‘रीतू, तुम कल से काम पर मत आना। मैंने और किसी को रख लिया है। रीतू मालकिन का उत्तर सुनकर स्तब्ध रह गई। उसे बच्चों की ऑनलाइन पढ़ाई तथा परिवार का निर्वाह दोनों नज़र आ रहे थे। मालकिन उसके बाहर निकलने पर घर के किवाड़ बन्द करने की प्रतीक्षा कर रही थी।
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