राष्ट्रपति पद के लिए ट्रम्प और बाइडन के बीच कड़ी टक्कर   

दूसरे कार्यकाल के लिए रिपब्लिकन पार्टी का नामांकन स्वीकार करते हुए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने डेमोक्रेटिक प्रतिद्वंद्वी जोए बाइडेन के खिलाफ जमकर हमला बोला। रिपब्लिकन कन्वेंशन की आखिरी रात में ट्रम्प ने कहा कि इस चुनाव से तय होगा कि अमरीकी सपने बेचते हैं या हम एक समाजवादी एजेंडे को मेहनत से बनाई गई तकदीर को तबाह करने की इजाज़त देते हैं। दूसरी ओर, बढ़ रही हिंसक घटनाओं, कोरोना महामारी से निबटने में नाकामी का आरोप लगाते हुए बाइडन भी ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ आक्रामक हैं। मौजूदा महामारी जहां राष्ट्रपति की कमजोरी है, वहीं बाइडेन को मजबूत स्थिति में दिखा रही है। अमरीकी चुनाव मुख्य तौर पर दो ही पार्टियों के बीच लड़ा जाता है। ये दोनों पार्टियां हैं डेमोक्रेटिक और रिपब्लिकन हालांकि कभी-कभी लिबर्टेरियन, ग्रीन और इंडिपेंडेंट पार्टियां मिलकर तीसरी पार्टी के रूप में अपना उम्मीदवार उतारती हैं और कभी-कभार अपना कोई उम्मीदवार नामित भी करती हैं। आम चुनाव में पार्टी प्रत्याशी के रूप में नामित होने से पहले उम्मीदवार, देश भर में कॉकस और प्राइमरी चुनाव के जरिए अपनी पार्टी के नामांकन की लड़ाई लड़ते हैं। प्राइमरी चुनाव का निर्धारण पार्टी और राज्य कानूनों द्वारा किया जाता है। प्राइमरी चुनाव का संचालन राज्य सरकारें करती हैं। राज्य के कानून से तय होता है कि चुनाव क्लोज होंगे या ओपन। क्लोज होने पर केवल पार्टी में पंजीकृत लोग ही मतदान कर सकते हैं लेकिन ओपन होने पर असंबद्ध मतदाता भी मतदान कर सकते हैं। प्राइमरी चुनाव जीतने के बाद राज्यों के प्रतिनिधि पार्टी के अधिवेशन में उस उम्मीदवार के लिए मतदान करते हैं और यहीं आधिकारिक रूप से राष्ट्रपति पद का उम्मीदवार नामित किया जाता है। अमरीका के अयोवा जैसे कुछ राज्यों में प्राइमरी की जगह कॉकस प्रणाली से प्रत्याशियों का चुनाव होता है। चूंकि, कॉकस का संचालन राज्य सरकार नहीं करती है, इसलिए यह पार्टियों को नियम निर्धारण में काफी लचीलापन देती है। डेमोक्रेटिक कॉकस में डेमोक्रेट्स मतपत्र के जरिए मतदान नहीं करते बल्कि आपसी बातचीत के जरिए मत का निर्धारण करते हैं। राष्ट्रपति चुनाव परिणाम में दो तरह के परिणाम होते हैं : इलेक्टोरल कॉलेज और पॉपुलर वोट। हालांकि इन मतों से विजेता का चुनाव नहीं होता। आम चुनाव का विजेता इलेक्टोरल कॉलेज मत से तय होता है। इलेक्टोरल कॉलेज के कुल 538 मतों में से 270 मत प्राप्त करने वाला प्रत्याशी विजयी होता है। राष्ट्रपति चुनाव में पॉपुलर वोट जीतने के बाद इलेक्टोरल कॉलेज में हार जाने की संभावना रहती है। वर्ष 2016 में डेमोक्रेट अल गोर और हिलेरी क्ंिलटन के साथ ऐसा हो चुका है। राज्यों की तरफ से राष्ट्रपति के लिए मतदान करने वाले इलेक्टर्स यानी मतदाताओं को इलेक्टोरल कॉलेज कहा जाता है। प्रत्येक राज्य में इलेक्टर्स की संख्या, कांग्रेस में उस राज्य के प्रतिनिधित्व(सीनेटर व रिप्रेजेंटेटिव दोनों) के अनुपात में होती है। प्रत्येक राज्य से दो सीनेटर जबकि रिप्रेजेंटेटिव की संख्या राज्य की आबादी से तय होती है। कैलिफोर्निया 55 प्रतिनिधियों के साथ सबसे बड़ा राज्य है।रिपब्लिकन राष्ट्रपति  ट्रम्प अमरीका फर्स्ट के वादे के साथ जीतकर आए थे। उन्होंने अनुचित व्यापार सौदों का हवाला देते हुए उसे पलट दिया और अमरीकी सहयोगियों को संयुक्त रक्षा उपायों के लिए अधिक भुगतान करने के लिए मजबूर किया। ऐसे तमाम मुद्दों के साथ उन्हें बाइडेन के साथ मुकाबला करना है। बाइडन ने अमरीकी वैश्विक नेतृत्व को दोबारा बहाल करने और ट्रम्प के कई फैसलों को पलटने का दावा किया है। दोनों के बीच विदेश नीति को लेकर गहरा मतभेद है। मिडिल ईस्ट में अमरीकी सैन्य हस्तक्षेप, विशेषकर इराक पर हमले पर ट्रम्प ने सवाल उठाए थे। उन्हाेंने ओबामा के कार्यकाल में ईरान, यूरोपीय समूह, रूस के साथ हुए नाभिकीय समझौते से बाहर आने का फैसला किया हालांकि, ईरान के साथ तनाव बढ़ने पर उन्होंने अतिरिक्त सेनाओं की तैनाती कर दी। अमरीका प्रशासन में दूसरे नम्बर पर रहे बाइडेन ने ईरान मसले का राजनयिक वार्ता के माध्यम से हल करने और समझौते को दोबारा लागू करने का दावा किया है। ट्रम्प के आदेश पर हुई स्ट्राइक में ईरान के शक्तिशाली कमांडर कासिम सुलेमानी को मार दिया गया था। बाइडन यमन में सऊदी अरब के युद्ध को दिए जा रहे अमरीकी समर्थन को खत्म करना चाहते हैं जिसको ट्रम्प का समर्थन है। ट्रम्प के कार्यकाल में चीन के साथ संबंध सबसे निचले स्तर पर हैं। चीन की टेलीकम्यूनिकेशन कम्पनी हुवेई से लेकर बीजिंग के दक्षिण चीन सागर में विवादित दावे तक कई मसलों पर ट्रम्प आक्रामक हैं। उन्होंने बाइडेन पर चीन के तुष्टिकरण का भी आरोप लगाया है और कहा है कि इससे अमरीकी मैन्युफैक्चरिंग नौकरियों में कमी आई है। दूसरी तरफ, बाइडेन ने कोरोना महामारी से निबटने में ट्रम्प को अक्षम बताया है। ट्रम्प ने चीन के साथ व्यापार युद्ध को बढ़ावा दिया। ट्रम्प प्रशासन ने जासूसी का आरोप लगाते हुए हारूस्टन स्थित चीन के वाणिज्य दूतावास को बंद करा दिया। बाइडन का आरोप है कि ट्रम्प का अराजक प्रशासन, सहयोगियाें के साथ अलगाव और विश्व स्वास्थ्य संगठन जैसे वैश्विक संस्थानाें से अमरीका का निकलना चीन के लिए मनमाफिक है। वह शिनजियांग में उइगुर मुसलमानाें पर चीनी अत्याचार पर भी मुखर हैं।  (अदिति)