पर्यटन उद्योग पर पड़ी कोरोना की मार

वर्तमान समय में विश्व के किसी भी देश में पर्यटन उद्योग महत्त्वपूर्ण स्थान रखता है परन्तु चीन से आयातित कोरोना वायरस से उत्पन्न कोविड-19 महामारी से विश्व के लगभग 206 देश प्रभावित हुए हैं तथा उनके पर्यटन उद्योग पर सबसे अधिक बुरा प्रभाव पड़ा है क्योंकि पर्यटन उद्योग से होटल, एयर लाईन्स, यातायात के अन्य साधन, रेस्टोरेंट तथा गिफ्ट उत्पाद सबसे अधिक प्रभावित होते हैं। अप्रत्यक्ष रूप से पर्यटन उद्योग से जुड़े अन्य उद्योग व उनसे जुड़े व्यक्ति भी आर्थिक परेशानी में पड़ गए हैं।भारत की जीडीपी में पर्यटन उद्योग का 6.8 प्रतिशत का योगदान रहता है। इस महामारी से भारत में यह उद्योग भी भारी मात्रा में प्रभावित हुआ है। भारत में लगभग 8.75 करोड़ लोग प्रत्यक्ष रूप से इस उद्योग से जुड़े हुए हैं तथा अप्रत्यक्ष रूप से जुड़े करोड़ाें लोगों का अनुमान लगाना कठिन कार्य है। 2018-19 के अांकड़ों के अनुसार कुल रोजगार का 13 प्रतिशत पर्यटन उद्योग से जुड़ा हुआ है। ट्रैवल एजेंट, गाईड, ड्राईवर, होटलकर्मी, टूर ऑपरेटर्स, छोटे व्यापारी, ट्रांस्पोर्टस, कृषि, हैंडलूम तथा एफएमसीजी सहित कई उद्योग पर्यटन से जुड़े हुए हैं। लाकडाउन व कोविड-19 महामारी के संक्र मण के भय से इन सभी को भारी परेशानी उठानी पड़ रही है।वर्ल्ड  ट्रैवल एंड टूरिज़्म कौंसिल (डब्ल्यूटीटीसी) के अनुसार विश्व में मेक्सिको की कुल जीडीपी का 15.5 प्रतिशत, स्पेन का 14.3 प्रतिशत, इटली का 13 प्रतिशत, चीन का 11.3 प्रतिशत, आस्ट्रेलिया का 10.8 प्रतिशत, जर्मनी का 9.1 प्रतिशत, ब्रिटेन का 8.6 प्रतिशत, अमरीका का 8.6 प्रतिशत, फ्रांस का 8.5 प्रतिशत, ब्राज़ील का 7.7 प्रतिशत, जापान का 7.0 प्रतिशत, कनाडा का 6.3 प्रतिशत, रूस का 5.0 प्रतिशत तथा दक्षिणी कोरिया का 4.2 प्रतिशत योगदान रहता है। योरुपीय देशों में केरोना वायरस से मरने वालों की संख्या भी बहुत अधिक है जिससे इन देशों के इस उद्योग पर अधिक राजस्व निर्भरता के कारण बहुत अधिक प्रभाव पड़ा है। योरुपीय देशों में लॉकडाउन सख्ती से लागू किया गया था। मात्र वयस्कों को केवल भोजन, दवा और कुत्तों को घुमाने के लिए ही अनुमति दी गई थी। स्पेन ने पर्यटन उद्योग को संभालने के लिए यूरोपीय संघ और तीसरे पक्ष (थर्ड वर्ड कन्ट्रीज) के देशों के लिए अपनी सीमाएं खोलीं। इटली ने भी ब्रिटेन व यूरोपीय संघ के लिए अपनी सीमाएं खोलीं। यह बहुत ही जोखिमपूर्ण कार्य था परन्तु अपने इस उद्योग को जीवित रखने के लिए इन देशों को ऐसा करना पड़ा। विश्व में सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाले अमरीका में भी इस उद्योग को महत्त्वपूर्ण स्थान है तथा लगभग 1.68 करोड़ लोगों को रोजगार प्रदान करता है परन्तु विश्व की सबसे ऊंची कोविड-19 मृत्यु दर अमरीका में  है। कोरोना से हुई हानि की पूर्ति के लिए अभी सभी उपाय किए जा रहे हैं परन्तु मृत-प्राय: पड़े पर्यटन उद्योग को पुनर्जन्म में लम्बा समय लग सकता है। अभी तो विशेषज्ञों का मानना है कि इस उद्योग को पूर्ववत् स्थिति में आने में समय लगेगा। अमरीका में 11 सितम्बर 2001 के आतंकी हमले के बाद एयर लाईन उद्योग को पूर्ववत् स्थिति में आने में तीन वर्ष का लम्बा समय लग गया था।  स्पेन में कोरोना से प्रभावित होकर लॉकडाउन के प्रतिबंधों को हटाए जाने के बाद स्पेन में कोरोना संक्र मितों के मामले काफी बढ़ गए हैं जबकि वहां कृछ जगह नये मामले सामने आने के बाद फिर से लॉकडाउन लगाया गया है। इटली में भी प्रतिबंधों की ढील के बाद संक्र मण के मामलों में बढ़ोत्तरी हुई है जिससे लगता है कि रिकवरी की प्रक्रि या बहुत धीमी है। डब्ल्यूटीटीसी के अनुसार विश्व में सबसे ज्यादा प्रभावित देश मैक्सिको है जहां पर्यटन उद्योग का जीडीपी में योगदान 15.5 प्रतिशत है। इस उद्योग को धैर्य के साथ अभी और प्रतीक्षा करनी चाहिए। जब लोगों का आवागमन सामान्य हो सकेगा, तभी यह उद्योग भी फलफूल सकेगा जिसमें अभी समय लगना अनिवार्य है। जीवन है तो सब कुछ है। अभी अपना जीवन बचाएं, यही सर्वोत्तम नीति है। (अदिति)