बेरोज़गारी को मुद्दा बना रहे हैं विपक्षी दल

उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनावों में विपक्षी नेताओं को बेरोज़गारी के मुद्दे की संभावना का एहसास हो गया है। पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव, मायावती और कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी भाजपा के सत्ता में आने के बाद से लगातार उत्तर प्रदेश में बढ़ती बेरोजगारी का मुद्दा उठा रहे हैं। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव ने हाल ही में उत्तर प्रदेश में 9 बजकर 9 मिनट पर लाइटें बंद करने का आह्वान किया, ताकि बेरोज़गार युवाओं की समस्याओं की ओर योगी सरकार का ध्यान आकर्षित किया जा सके। अखिलेश यादव बेरोज़गारी के बारे में प्रतिक्रिया प्राप्त करने के लिए राज्य भर के युवा नेताओं और छात्र नेताओं के साथ संवाद बनाए हुए हैं और जिला स्तर पर धरना और विरोध प्रदर्शन आयोजित होते रहते हैं। पिछले कुछ महीनों के दौरान विशेष रूप से महामारी के दौरान योगी सरकार पर हमला करने के लिए अखिलेश यादव के लिए बेरोज़गारी मुख्य एजेंडा रही है।पूर्व मुख्यमंत्री और बसपा की राष्ट्रीय अध्यक्ष मायावती ने भी समय-समय पर बेरोज़गारी का मुद्दा उठाया है। मायावती ने अपनी पार्टी के नेताओं को विशेष रूप से महामारी के दौरान बढ़ती बेरोज़गारी के बारे में वास्तविक प्रतिक्रिया एकत्र करने का निर्देश दिया है। मायावती ने राज्य में रोज़गार पैदा करने में विफलता के लिए भाजपा सरकार को दोषी ठहराया है। एआईसीसी की महासचिव प्रियंका गांधी ने भी बेरोज़गारी का मुद्दे उठाने के साथ- साथ अपनी पार्टी के कार्यकर्त्ताओं से निरंतर संवाद स्थापित करने में वीडियो कॉन्फ्रैंसिंग के माध्यम से उनकी समस्याओं को सुना। पिछले एक महीने के दौरान, प्रियंका ने उन उम्मीदवारों के साथ भी सम्पर्क किया, जो ग्राम विकास अधिकारी, उप-निरीक्षक, विभिन्न कृषि विश्वविद्यालयों के कृषि स्नातकों और शिक्षा मित्र, उर्दू शिक्षकों और अन्य लोगों के संपर्क में थे।प्रियंका गांधी ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर उन्हें बेरोज़गार युवाओं से संबंधित मुद्दों से अवगत कराया और तत्काल कार्रवाई की मांग की। उन्होंने यूपीसीसी अध्यक्ष अजय कुमार लालू को बेरोज़गार युवाओं के मुद्दे को उठाने और आंदोलन शुरू करने का निर्देश दिया। अजय कुमार लालू ने आरोप लगाया कि 69,000 सहायक बेसिक शिक्षकों की नियुक्ति में सेंध लगी थी, जो अदालत ने रोक दी थी। यहां यह उल्लेखनीय होगा कि उत्तर प्रदेश के श्रम मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य ने एक लिखित उत्तर में कहा है कि पिछले सत्र में उत्तर प्रदेश विधानसभा में 33.93 लाख बेरोज़गार थे जो सरकार के पास पंजीकृत थे। गौरतलब है कि यूपी में बेरोज़गार शिक्षित युवाओं की संख्या पिछले दो वर्षों में 12.5 लाख बढ़ी है। 30 जून 2018 को उत्तर प्रदेश में पंजीकृत शिक्षित बेरोज़गारों की संख्या 21.39 लाख थी, किन्तु पिछले दो वर्षों में इस संख्या में 58.43 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। उल्लेखनीय है कि आर्थिक गतिविधियों में गिरावट के कारण यूपी में बेरोजगारी दर राष्ट्रीय औसत 7.7 प्रतिशत से अधिक थी। विपक्ष के हमले का मुकाबला करने के लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रवासी मज़दूरों सहित एक करोड़ लोगों को नौकरी देने की घोषणा की है।मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने अपने अधिकारियों को सभी सरकारी विभागों में रिक्तियों का पता लगाने और उन्हें समयबद्ध तरीके से भरने की व्यवस्था करने के लिए कार्य योजना तैयार करने का निर्देश दिया है।

(संवाद)