ऐसे बढ़ाएं रोग प्रतिरोधक क्षमता

जिस तरह हम अपने घर को सुरक्षित रखने के लिए उसे बाहर की धूल, मिट्टी व गंदगी से बचाने के लिए कई उपाय करते हैं, उसी प्रकार हमें अपने शरीर की सुरक्षा के लिए भी कई उपाय करने पड़ते हैं।
हमारे शरीर के अंदर ही उसकी हर प्रकार से सुरक्षा करने के लिए कई सुरक्षा तत्व मौजूद हैं जैसे श्वेत रक्त कण, जो हर बीमारी से लड़ाई करने में मदद करते हैं। यह हमें सब तरह के बैक्टीरिया और विषैले पदार्थों और वाइरस इत्यादि से बचाते हैं लेकिन आज का अति प्रदूषित माहौल और हवा, पानी हमारी इस रोग-प्रतिरोधी शक्ति को खराब कर देता है।
इससे धीरे-धीरे आपकी रोग प्रतिरोधक शक्ति कमजोर पड़ जाती है और आपमें बीमारियों से लड़ने की शक्ति कम हो जाती है इसलिए यह जरूरी हो जाता है कि आप इस कमजोरी को कम करें और अपनी रोग प्रतिरोधी शक्ति को फिर से तन्दुरूस्त करें। 
 जब हम पौष्टिक आहार की बात करते हैं तो यह भी जानना जरूरी है कि किस उम्र के हिसाब से कितना आहार जरूरी है। 
बढ़ते बच्चे :  बढ़ते बच्चों को अधिक कैलोरी चाहिए और उन्हें सही मात्रा में विटामिन, मिनॅरल्स, प्रोटीन इत्यादि चाहिए। इन बच्चों को अधिक कैल्शियम चाहिए जो दूध, दही इत्यादि में हैं। इस उम्र में यदि आप कैल्शियम, मिनॅरल तथा प्रोटीन सही मात्रा में लें तो अवश्य आपकी सेहत की नींव मजबूत होगी।
किशोर अवस्था : इस उम्र में आपके शरीर से काफी जरूरी तत्व नष्ट हो जाते हैं, खास तौर पर मिनरल्स जैसे लोहा, कैल्शियम और पोटेशियम। इस उम्र में अधिक दूध, दही, मछली व फल जिनमें लोहा हो जैसे सेब, केला और आलूबुखारा इत्यादि खाना चाहिये। 
 बुढ़ापा :  यह बात सच है कि बुढ़ापे में आप कम खाना खाते हैं लेकिन यह ध्यान में रखें कि इस उम्र में कैल्शियम व मिनॅरल अचानक कम हो जाते हैं। रक्तचाप रोकने के लिए भी आपको ज्यादा ध्यान देना चाहिये। विटॉमिन-सी जो बहुत फायदेमंद है, जरूर लें। यह आपको कई तरह के फलों से मिल सकता है। ज्यादा घी व तेलयुक्त खाना न लें। अण्डे की सफेदी भी लें और हल्का उबला हुआ खाना लें। मिनॅरल्स की कमी को दूर करने के लिए उबली हुई मछली बहुत लाभदायक होती है। जो भी कमी आपके शरीर में है, उसे दूर करने के लिए आपको पता लगाकर उसे फल व सब्जियों से ही पूरा करना चाहिए। (स्वास्थ्य दर्पण)